इंदौर। किसानों के प्रदर्शन और मांगों को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन भी अलर्ट नजर आ रहा है। आज बायपास और शहरी सीमा में प्रवेश के स्थान पर पुलिस बल सुबह से ही तैनात कर दिया गया है, जबकि इंदौर में किसानो के संगठन सिर्फ शांतिपूर्वक कमिश्नर कार्यालय में दोपहर को ज्ञापन देंगे, मगर प्रशासन किसी प्रकार का रिस्क इस समय लेने के मूड में नहीं है। इसलिए व्यवस्था को चौबंद किया गया है, वही चुनिंदा किसान नेताओ की मूमेंट पर नजर रखी गई जा रही है। कमिश्नर कार्यालय के बाहर भी सुबह से पुलिस बल तैनात है
मध्य प्रदेश संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि प्रदेश के 27 किसान संगठन आज सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेंगे। किसान इसलिए भी नाराज हैं कि उनके पदाधिकारी को अनावश्यक पुलिस प्रशासन दबाव बना रहा है। गिरफ्तारी और मुचलके से आत्मबल कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। किसान मजदूर सेवा अध्यक्ष बबलू जाधव ने बताया कि मुझे गिरफ्तार किया गया है। जमानत लेनी पड़ी, लेकिन मैं आज प्रदर्शन में शामिल रहूंगा और ज्ञापन शांतिपूर्वक तरीके से हम देंगे। मांगलिया के किसान नेता हंसराज मंडलोई ने बताया कि सुबह घर पर तीन-चार पुलिस के जवान आए और दो घंटे तक मुझे घर में ही रहना पड़ा। दोपहर के किसान आंदोलन में मैं शामिल रहूंगा। संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री, अभा किसान सभा के अध्यक्ष अरुण चौहान अखिल भारतीय किसान मजदूर संगठन के सोनू शर्मा, मध्यप्रदेश किसान मजदूर सेवा के शैलेंद्र पटेल, लखन डाबी आदि पदाधिकारी दोपहर में कमिश्नर कार्यालय पर किसानों की मांगों को लेकर परिसर में रैली निकालते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
यह किसानों की प्रमुख मांगें
बबलू जाधव ने बताया कि 2 वर्ष 2019 में सरकार ने प्याज पर भावांतर की राशि देने का वादा किया था, लेकिन आज तक इस पर अमल नहीं हुआ है। इसी प्रकार इंदौर जिले में 186 किसानों का बकाया पौने तीन करोड रुपए आज तक प्राप्त नहीं हुआ है, जिसे तत्काल दिलाया जाए। घोड़ारोज नीलगाय से फसलों की सुरक्षा को हमेशा खतरा बना रहता है, इसलिए किसानों को बंदूक के लाइसेंस दिए जाएं और घोड़ारोज नष्ट करने के अधिकार तत्काल जारी हों, किसानों को जमीन अधिग्रहण पर बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा जारी हो, किसानों को 10000 रुपए पेंशन, मनरेगा मजदूरों को वर्ष में 200 दिन की मजदूरी अनिवार्य कर 600 रु. प्रतिदिन मजदूरी का प्रावधान किया जाए, साथ ही इंदौर के किसान भी एमएसपी पर गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं।