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    बचपन में ही पिता का र्स्‍वगवास, आज चीन के लिए बनी बड़ी मुसिबत; ‘मिसाइल रानी’ शीना की कहानी

  • March 13, 2024

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। स्वदेशी एवियोनिक्स सिस्टम और उच्च सटीकता वाले सेंसर पैकेज (sensor package)से लैस अग्नि-5 बनाने वाली डीआररडीओ की टीम (DRDO team)का नेतृत्व मिसाइल विशेषज्ञ (missile specialist)आर शीना रानी ने किया। इस सोमवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्व लॉन्च किया गया। वह 57 साल की हैं। उन्होंने डीआरडीओ के हैदराबाद स्थित एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (एएसएल) में प्रोग्राम डायरेक्टर के तौर पर काम किया है। उनके नेतृत्व में डीआरडीओ ने कई परमाणु हथियारों के साथ मिसाइल प्राणाली विकसित की है। इसके कारण भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों के क्लब में तो शामिल हो ही गया है, साथ ही चीन को भी सतर्क होने पर मजबूर कर दिया है।

    आपको बता दें कि 5000 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल अपनी सीमा से भारत के लगभग सभी पड़ोसी देशों को कवर करती है।

    आपको बता दें कि मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) प्रौद्योगिकी के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है। अग्नि-5 की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है और इसे देश की दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए विकसित किया गया है। यह मिसाइल चीन के उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया को अपनी मारक सीमा के तहत ला सकती है। अग्नि 1 से 4 मिसाइलों की रेंज 700 किमी से 3,500 किमी तक है और पहले ही तैनात की जा चुकी हैं।


    विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में आठ साल तक काम किया

    मिसाइल रानी के नाम से मशहहूर शीना ने पहले इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में आठ साल तक काम किया। 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण के तुरंत बाद 1999 में डीआरडीओ में शामिल हो गईं। इसके बाद से वह लगातार अग्नि मिसाइल कार्यक्रम के लिए काम कर रही हैं। मिसाइल कार्यक्रम के तहत कई अग्नि वेरिएंट विकसित किए गए हैं और उन्हें सेना में शामिल किया गया है।

    नई MIRV तकनीक को रानी का गौरव माना जाता है

    हालांकि, नई एमआईआरवी तकनीक को रानी का गौरव माना जाता है। ऐसा इसलिए कि उन्होंने अपनी डीआरडीओ टीम के साथ इसे विकसित करने में अपना दिल और आत्मा लगा दी थी। उनकी टीम में कई महिला वैज्ञानिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “मुझे अग्नि मिसाइल कार्यक्रम का हिस्सा होने पर वास्तव में गर्व है क्योंकि मिसाइलें देश की सीमाओं की रक्षा कर रही हैं।”

    रानी का जन्म तिरुवनंतपुरम में हुआ था। उनका पालन-पोषण उनकी मां ने किया, क्योंकि जब वह 10वीं कक्षा में थीं तब उनके पिता का निधन हो गया था। उन्होंने कहा, “मेरी मां मेरे और मेरी बहन के जीवन में असली स्तंभ है।

    भारत ने पहली बार 19 अप्रैल 2012 को अग्नि -5 का परीक्षण किया

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, रानी ने कहा, “जब हम प्रक्षेपण की तैयारी कर रहे थे तो मेरे पेट में तितलियां उड़ रही थीं। मुझे वास्तव में आम जनता के बीच भ्रम की आशंका नहीं थी।” रानी ने बताया कि जब भारत ने पहली बार 19 अप्रैल 2012 को अग्नि -5 का परीक्षण किया था और पूरी दुनिया ने इस पर ध्यान दिया था।

    रानी के पति पी.एस.आर.एस. शास्त्री ने भी मिसाइलों पर डीआरडीओ के साथ काम किया था। उन्हें भारत के मिसाइल मैन, पूर्व डीआरडीओ प्रमुख और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरणा मिसी थी।

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