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Antilia Case : सचिन वाजे को सता रहा गिरफ्तारी का डर, अदालत में दी अग्रिम जमानत की अर्जी

मुंबई। मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर एंटीलिया के हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vaje) को अब अपनी गिरफ्तारी का डर सताने लगा है। सचिन वाजे ने जिला सत्र न्यायालय ठाणे में अग्रिम जमानत की अर्जी दी है। अदालत इस मामले की सुनवाई 19 मार्च को करेगा। मुंबई अपराध शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे का तबादला नागरिक सुविधा केंद्र (सीएफसी) में कर दिया गया है। सीएफसी शहर पुलिस की एक इकाई है। मनसुख हिरेन की मौत के मामले में वाजे का नाम सामने आने के बाद उनका तबादला किया गया है।

मनसुख हिरेन की मौत मामले में आरोपों के घेरे में आए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का एक ही दिन में दूसरी बार ट्रांसफर किया गया। 12 मार्च की खबर आई थी कि सचिन वाजे को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के CIU हेड के पद से ट्रांसफर कर नागरी सुविधा केंद्र ( Citizen Felicitation Centre) भेज दिया गया है। इसके बाद सचिन वाजे को एसबी-1 यानी विशेष शाखा में भेजा जा रहा है। यानी सचिन वाजे की एक ही दिन में दो बार बदली की गई।

प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर 25 फरवरी को विस्फोटकों से भरी एक स्कॉर्पियों कार रखी गई थी। इस केस की जांच सचिन वाजे कर रहे थे। ये कार मनसुख हिरेन नाम के व्यक्ति की थी, जिनका शव 5 मार्च को मुंब्रा के रेतीबंदर इलाके से बरामद हुआ था। मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन ने भी जांच अधिकारी सचिन वाजे पर हिरेन की हत्या का आरोप लगाया था।

उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर ‘एंटीलिया’ के बाहर 25 फरवरी को एक वाहन में विस्फोटक पदार्थ मिला था। वह वाहन हिरेन का था। ठाणे में हिरेन का शव मिलने के बाद मामले में रहस्य और गहरा गया था। हिरेन की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति ने नवंबर में वाजे को अपनी कार दी थी। इस कार को मुंबई अपराध शाखा में तैनात रहे अधिकारी ने फरवरी के पहले सप्ताह में लौटाया था। 

मामले की जांच कर रहे महाराष्ट्र एटीएस ने इस सप्ताह की शुरुआत में वाजे का बयान दर्ज किया था। वाजे को 2004 में ख्वाजा यूनुस की कथित तौर पर हिरासत में मौत के मामले में निलंबित भी किया गया था। 2020 में उनकी सेवाएं बहाल की गई और वह मुम्बई अपराध शाखा की सीआईयू इकाई का नेतृत्व कर रहे थे। एटीएस ने बताया था कि वाजे ने हिरेन की स्कॉर्पियो का उपयोग करने से इनकार किया है। वहीं, राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने कहा था कि वाजे को अपराध खुफिया इकाई से तब तक के लिए हटा दिया गया है जब तक कि ऑटोमोबाइल पार्ट्स के व्यवसायी मनसुख हिरेन की मौत की जांच पूरी नहीं हो जाती है।

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