देश मध्‍यप्रदेश

पेंच पार्क में आपसी संघर्ष से मादा बाघ शावक की मौत

सिवनी। जिले के पेंच टाइगर रिजर्व (Pench Tiger Reserve) अंतर्गत मोगली अभयारण्य परिक्षेत्र कुरई (Mowgli Sanctuary Zone Kurai) के बीट में फिर आपसी संघर्ष में मादा बाघ शावक की मौत हो गई। कुरई बीट में आलेसुर के कक्ष क्रमांक 642 के पास मंगलवार सुबह 9 बजे गश्ती दल को बाघ शावक का शव बरामद (tiger cub’s body recovered) हुआ, जिसका अंतिम संस्कार वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।

पेंच टाइगर रिजर्व के उप संचालक अधर गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को गश्ती दल को गश्ती के दौरान एक मादा बाघ शावक का शव मिला, जिसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गयी। जिस पर क्षेत्र संचालक, उप संचालक एवं अन्य अधिकारी घटना स्थल पर पहुचे, घटना स्थल का निरीक्षण किया। कान्हा टाइगर रिजर्व से डॉग स्क्वाड को बुलाकर आस-पास के वन क्षेत्र का गहन निरीक्षण कराया गया। घटना स्थल से लगभग 100 मीटर की दूरी पर एक स्थल पर दो बाघों के आपसी संघर्ष के निशान एवं बाघ के बाल मिले, जिन्हें फारेंसिक जांच के लिये सुरक्षित किया गया।


बताया गया कि पेंच टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा एवं डॉ. मृणालिनी रामटेके, पशुचिकित्सक कुरई , क्षेत्र संचालक, अशोक कुमार मिश्रा, उप संचालक ,अधर गुप्ता, पेंच मोगली अभयारण्य, अधीक्षक आशीष कुमार पाण्डेय, परिक्षेत्र अधिकारी, कुरई, विलाश डोंगरे,एन.टी.सी.ए. के प्रतिनिधि आदित्य जोशी, वाईल्डलाईफ बायोलॉजिस्ट, डब्ल्यू.सी.टी. की उपस्थिति में शव परीक्षण किया गया।

बताया गया कि एन.टी.सी.ए. द्वारा निर्धारित एस.ओ.पी. का पालन करते हुए समस्त प्रक्रिया की गयी। शव परीक्षण उपरांत आवश्यक अवयवों को प्रयोगशाला परीक्षण हेतु संरक्षित किया गया। घटना स्थल के साक्ष्यों के आधार पर प्रथम दृष्टया आपसी संघर्ष के कारण शावक बाघ की मृत्यु होना प्रतीत होता है। बाघ शावक के समस्त अवयव सुरक्षित पाये गये। शव परीक्षण उपरांत शावक बाघ को पूर्ण रूप से जलाकर नष्ट किया।

 

Share:

Next Post

देवाधिदेव महादेव को कोई भी कर सकता है प्रसन्न

Wed Mar 2 , 2022
– डॉ. रीना रवि मालपानी शिव ईश्वर का सत्यम-शिवम-सुंदरम रूप है। शिव वो है जो सहजता एवं सरलता से सुशोभित होते है। वे ऐसे ध्यानमग्न योगीश्वर है जो नीलकंठ बनकर अपने भीतर विष को ग्रहण किए हुए है और भुजंगधारी बनकर विष को बाहर सजाए हुए है। इसके विपरीत भी उमापति की एकाग्रता, शांतचित्त रूप […]