मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर (Mandsaur) में अब फाइलों को ऑनलाइन ट्रैक किया जा रहा है। इसके जरिए यह भी देखा जा रहा है कि कौन सी फाइल कहां पड़ी है और यह कितने दिन किस टेबल पर रुकी। इस दौरान अगर किसी बाबू ने फाइल को जबरन रोका तो उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई भी की जा रहा है।
गौरतलब है कि फाइलों की ऑनलाइन ट्रैकिंग का ये प्रयोग अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मंदसौर के कलेक्टर के ऑफिस में शुरू किया गया है। वहीं नगर पालिका के कर्मचारियों की ट्रेनिंग अभी चल रही है। फरवरी के पहले सप्ताह में कलेक्ट्रेट कार्यालय और नगर पालिका में फाइलों की ऑनलाइन ट्रैकिंग को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
मंदसौर का ई-गवर्नेंस डिपार्टमेंट फाइल ट्रैकिंग सिस्टम (File Tracking System) की निगरानी करेगा। इसके लिए हर फाइल को एक बारकोड दिया जा रहा है। बारकोडिंग के जरिए फाइल की एंट्री हर टेबल पर होगी और इसे ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा. बारकोडिंग के चलते हर फाइल के आने-जाने की गतिविधि कंप्यूटर में दर्ज हो जाएगी, जिसके बाद इसे गूगल स्प्रेड शीड या एक्सेल शीट के जरिए आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
फाइल ट्रैकिंग सिस्टम से पता चल सकेगा कि कौन सी फाइल किस ऑफिस में किस जगह है और कहां कितने दिन से रुकी हुई है? जहां फाइल ज्यादा देर तक रुकेगी, उन बाबुओं से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और बेवजह फाइल रोकने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी होगी।
फाइल ट्रैकिंग सिस्टम की जरूरत क्यों?
मंदसौर डीएम मनोज पुष्प ने बताया कि हमारी व्यवस्था में फिलहाल फाइलें ट्रैक नहीं होती हैं। हम फाइल को बारकोडिंग की मदद से ट्रैक करने का सिस्टम विकसित कर रहे हैं। बिना वजह फाइल रोकने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि ई-गवर्नेंस डिपार्टमेंट की निगरानी में कलेक्ट्रेट में इसकी शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा नगर पालिका में इसकी ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। हम चाहते हैं कि फरवरी के पहले सप्ताह में इन दोनों जगहों पर फाइल ट्रैकिंग सिस्टम लागू कर दिया जाए।
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