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मार्च खत्म होने से पहले निपटा लें ये 5 जरूरी काम, बाद में भरना उठाना पड़ सकता है नुकसान

नई दिल्ली (New Delhi)। यदि आपने सरकार (Government) के नए नियमों के तहत खुद को अपडेट नहीं किया, तो मार्च का यह महीना खत्म होने में केवल 10 दिन ही बचे हैं। ऊपर से इसमें 30 मार्च को रामनवमी (Ram Navami) की छुट्टी को निकाल दें तो केवल 9 दिन ही बच रहे हैं। ऐसे में नए वित्त वर्ष से कई तरह की वित्तीय परेशानियों से बचने के लिए 31 मार्च से पहले-पहले सरकार द्वारा लागू किए गए नए नियमों के तहत खुद को अपडेट करना जरूरी है। तो आइए जानते हैं वो 5 खास काम जो हमें मार्च महीने के खत्म होने से पहले पूरे करने हैं।

1. अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न जमा करना होगा
वित्त वर्ष 2019-20 या कर निर्धारण वर्ष 2020-21 के लिए अपडेट इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return) जमा करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2023 निर्धारित की गई है। अपडेटेड आईटीआर जमा करना सबसे जरूरी कार्यों में से एक है।


2. पैन-आधार लिंक
इनकम टैक्स विभाग (income tax department) ने आधार और पैन कार्ड को लिंक करने की समय सीमा 31 मार्च की है। इनकम टैक्स विभाग के अनुसार, यदि 31 मार्च तक पैन को आधार से नहीं जोड़ा गया, तो पैन कार्ड एक अप्रैल 2023 से निष्क्रिय हो जाएगा। पैन-आधार को लिंक करने का काम 31 मार्च तक मुफ्त है, जबकि एक अप्रैल से 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा।

3. टैक्स देने वाले कंपोजिशन स्कीम चुनें
सरकार को टैक्स देने वाले ऐसे लोग जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये से कम है, वो कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं। कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनने की आखिरी तारीख 31 मार्च है। टर्नओवर की गणना करने के लिए एक ही पैन के साथ पंजीकृत सभी व्यवसायों के टर्नओवर को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

4. बचत खातों को निष्क्रिय होने से बचाएं
पीपीएफ, एनपीएस , सुकन्या समृद्धि खाता (SYS) जैसे कुछ निवेशों को सक्रिय रखने के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में खाते में एक न्यूनतम राशि जमा करने की जरूरत होती है। पीपीएफ, एसएसवाय, एनपीएस में न्यूनतम राशि जमा करने में विफल रहने पर खातों को बंद कर दिया जाएगा। खाते को दोबारा सक्रिय करने में समय लगेगा और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए खाते में समय से न्यूनतम राशि जमा होनी होगी।

5. इनकम टैक्स में कटौती का दावा
मार्च माह वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना होता है। अगर एक कमाने वाला व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय इनकम टैक्स स्लैब में मूल आय से अधिक है, उसको पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), ईएलएसएस म्युचुअल फंड और टैक्स सेविंग बैंक एफडी जैसे निवेश के रास्ते देखने की जरूरत है। ऐसा करने से वो इनकम टैक्स में कटौती क्लेम कर सकते हैं।

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