- रात में लगी आग सुबह तक बुझा नहीं पाई दमकलें… सात घंटे में पाया जा सका काबू… करोड़ों का नुकसान
- इतना बड़ा शहर, लेकिन आग बुझाने के संसाधन ही नहीं
इन्दौर (Indore)। छोटी ग्वालटोली क्षेत्र (Chhoti Gwaltoli area) के कीबे कंपाउंड में कल देर रात एक बहुमंजिला इमारत में स्थित एशियन पेंट के गोडाउन में आग लग गई, जो चौथे माले तक जा पहुंची और रातभर ऑइल पेंट के डिब्बे धमाके के साथ फूटते रहे। आग बुझाने आई फायर ब्रिगेड की पांच-सात दमकलें रातभर मशक्कत करती रहीं और सात घंटे की मेहनत के बाद सुबह जाकर आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन अब भी कई जगह चिंगारियां भडक़ रही हैं।
मिली जानकारी अनुसार मधुमिलन टॉकिज के समीप अनंत पेट्रोल पंप के सामने स्थित बहुमंजिला इमारत में रात 11.45 बजे आग लगने की घटना हुई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। सुबह साढ़े पांच बजे तक आग पर काबू पा लिया गया था, लेकिन 8 बजे फिर आग भभक उठी। इस पर फायर अमला मौके पर पहुंचा और आग बुझाने का काम शुरू किया।
मौके पर पहुंचे फायर एसपी रामसिंह निंगवाल ने बताया कि आग बुझाने के लिए अब तक 10 लाख लीटर पानी और 4 हजार लीटर फोम का उपयोग किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि चौथे माले तक फैली आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड के पास कोई हाइड्रोलिक मशीन नहीं है। एक मशीन ब्रांडटो गांधी हॉल में तीन साल से खराब पड़ी है। यदि उस मशीन को दुरुस्त करा लिया जाए तो पांच मंजिला तक की आग को बुझाने में मदद मिल सकती है। आज सुबह नगर निगम की छोटी ट्राली मशीन, जिससे लाइट लगाई जाती है, का उपयोग दमकलकर्मियों को करना पड़ा। इस ट्राली मशीन में तीन जवान बैठकर आग बुझाते रहे। यदि बड़ी मशीन होती तो ऊपर तक की आग को आसानी से बुझाया जा सकता था। एसपी ने बताया कि ब्रांडटो मशीन सुधारने के लिए कई बार पत्र व्यवहार भी किए जाते रहे, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तीन फायर स्टेशनों के 50 कर्मचारी लगे रहे आग बुझाने में
आग की लपटें इतनी तेज थीं कि इमारत से दूर तक दिखाई दे रही थीं। इस पर काबू पाने के लिए मोती तबेला, गांधी हॉल तथा लक्ष्मीबाई नगर फायर स्टेशन के 50 दमकलकर्मियों को लगाया गया था, जो रातभर आग बुझाने का काम करते रहे। क्षेत्र में अंधेरा होने के कारण आग बुझाने में दिक्कत आई। बाद में नगर निगम की टीम वहां पहुंची और ट्यूब लाइट लगाकर प्रकाश व्यवस्था की। आज सुबह नगर निगम से बड़ी पोकलेन भी बुलवाई गई, जिसने अंदर जले मलबे को बाहर निकाला, तब जाकर दमकलकर्मी इमारत में प्रवेश कर सके। क्षेत्र के रास्तों को बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया गया था।