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विश्वप्रसिद्ध महाबोधि मंदिर में फायरिंग, 1 पुलिसकर्मी की मौत

पटना। बिहार (Bihar) के विश्वप्रसिद्ध महाबोधि मंदिर परिसर (World famous Mahabodhi Temple Complex) में शुक्रवार दोपहर गोलियों की आवाज से अफरातफरी मच गई। देसी और विदेशी सैलानियों (domestic and foreign tourists) से भरे रहने वाले बोधगया के महाबोधि मंदिर में हुई इस फायरिंग में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है। धर्मस्थल को खाली कराते हुए प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। भारी तादाद में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। मंदिर परिसर से लेकर आसपास के तमाम इलाकों से सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, बिहार स्वाभिमान बटालियन के जवान अमरजीत कुमार यादव (43) शुक्रवार दोपहर ड्यूटी पर जा रहे थे। जिस रोड से वह जा रहे थे, वहां पत्थर पर फिसलन थी। इसकी वजह से उनका पैर फिसल गया और उनके हाथ में मौजूद कार्बाइन का ट्रिगर दब गया। अचानक बैक टू बैक तीन गोली चल गई। इसमें एक गोली सीने में भी लगी। गोली लगते ही सत्येंद्र बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। इधर, सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि जवान की लाश जमीन पर पड़ी थी।


वहीं थानेदार रूपेश कुमार सिंह का कहना है कि संभवतः उन्हें तीन गोली लगी है। गोली सीने में लगी है। FSL की टीम जांच के लिए आ रही है। इसलिए हम लोगों ने बॉडी को उन्हें अभी छूकर नहीं देखा है। मामले की जांच की जा रही है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। गया रेंज DIG का कहना है कि यह हादसा है। फायरिंग जवान सत्येंद्र यादव के कार्बाइन से हुई है। आसपास कोई वहां पर सीसीटीवी नहीं है। बैलेस्टिक एक्सपर्ट आएंगे वहीं जांच करेंगे फिर स्पष्ट हो जाएगा कि असल में मामला क्या है? उन्होंने कहा कि घटनास्थल से कई धोखे भी बरामद किए गए हैं। जांच चल रही है।

इधर, गया SSP कार्यालय की ओर से कहा गया है कि 25 अगस्त को दोपहर करीब 1:40 पर महाबोधि मंदिर परिसर बोधगया के अंदर गोलियों की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर महाबोधि मंदिर के अंदर तैनात पुलिस बल तुरंत अलर्ट हो गए और जिला पुलिस बल तथा विशेष सशत्र बल के वरीय पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। सूचना पाते ही वरीय पुलिस अधीक्षक गया, नगर पुलिस अधीक्षक, गया समेत जिला पुलिस बल के अन्य पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर तुरंत पहुंच गए।

घटनास्थल पर हवलदार अमरजीत कुमार यादव (बिहार स्वाभिमान बटालियन) का शव पाया गया। शव के पास ही उनका सरकारी हथियार कार्बाइन मौजूद पाया गया। घटनास्थल के अवलोकन से प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है की हवलदार अमरजीत कुमार यादव के सरकारी कार्बाइन से किसी कारण दुर्घटनावश गोली चल गई है और अपने हथियार से ही उन्हें गोली लग गई है जिसके कारण घटनास्थल पर ही उनकी मृत्यु हो गई है।

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