नीमच ! जिले की ग्राम पंचायत सुवासरा बुजुर्ग के ग्राम कोटड़ी खुर्द (Kotri Khurd) के अनुसूचित जनजाति किसान केशू राम वर्दीचंद्र भील (Keshu Ram Vardichandra Bhil) पूर्व में संपन्न किसानों के यहाँ दिहाड़ी मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। मध्य प्रदेश शासन द्वारा उन्हें कब्जे वाली वन भूमि पर अधिकार पत्र प्रदान किया गया। इससे उनकी जिंदगी बदल गई है। अब वे अपनी भूमि पर विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ उगा रहे हैं तथा परिवार का भरण-पोषण अच्छे से करने के साथ ही मुनाफा भी कमा रहे हैं।
दिहाड़ी मजदूरी से अपने परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाई आने पर केशू राम ने ग्राम पंचायत से जानकारी मिलने पर अपने कब्जे वाली भूमि के अधिकार पत्र के लिए वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया। इस पर उन्हें शासन द्वारा 1.228 हेक्टेयर भूमि का अधिकार-पत्र प्रदान किया गया।
केशूराम अब अपनी मर्जी के अनुसार खेती करने के लिए स्वतंत्र हो गए हैं। उन्होंने अपनी भूमि पर सिंचाई की व्यवस्था कर सब्जियाँ उगाना प्रारंभ किया है। वे भिंडी, टमाटर, बैंगन, तोरई जैसी सब्जियाँ लगाते हैं तथा उन्हें बाजार में बेचकर न केवल परिवार का भरण-पोषण करते हैं, बल्कि मुनाफा भी कमाते हैं।
वन भूमि पर अधिकार मिल जाने से उनकी आजीविका तो आसान हुई ही है, समाज में भी उन्हें सम्मानजनक स्थान मिल रहा है।
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