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करनाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने


चंडीगड़ । पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर (Former CM Manoharlal Khattar) ने हरियाणा में करनाल विधानसभा की सदस्यता से (From Membership of Karnal Assembly in Haryana) इस्तीफा दिया (Resigned) ।


हरियाणा में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा में कलह ज्यादा बढ़ गई है। पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की नाराजगी के बाद अब पूर्व सीएम मनोहरलाल खट्टर ने बुधवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने खुद सदन में यह घोषणा की। खट्टर करनाल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। अब करनाल विधानसभा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को उप चुनाव लड़ाए जाने की संभावना है। माना जा रहा है मनोहर लाल खट्टर को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि द्वारका एक्सप्रेस वे के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जमकर तारीफ की थी, लेकिन अगले दिन ही उन्हें हटाकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। सूत्रों की मानें तो गृहमंत्री अनिल विज की नाराजगी का कारण यह था कि अंतिम समय तक उन्हें नायब सिंह सैनी को लेकर अंधेरे में रखा गया। विधायक दल की बैठक में उनसे नायब सिंह सैनी के नाम का प्रस्ताव करने को कहा गया। विज ने लोकतांत्रिक प्रणाली का समर्थन करते हुए विधायकों को खुद अपना नेता चुनने की आजादी दिए जाने की बात रखी, लेकिन पार्टी हाईकमान का निर्देश बताकर उनकी बात को अनसुना कर दिया गया। इसलिए विज मीटिंग से बाहर आ गए और मंत्री बनने से भी इंकार कर दिया।

इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि सदन के नेता के तौर पर मैं अपना पहला वक्तव्य दे रहा हूं। मैं पहले भी सदन का सदस्य रहा हूं। वर्ष 2014 से 2019 के बीच सदन का सदस्य था। इसी सदन से मुझे लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्देश मिला था। अब मुझे पार्टी ने कहा कि एक बार फिर सदन में जाकर जिम्मेदारी लो तो मैं यहां आ गया।

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल से मैं बहुत कुछ सीखा है। मैं एक साधारण परिवार से संबंध रखता हूं। परिवार की किसी सदस्य ने कोई चुनाव नहीं लड़ा। मैं भारतीय जनता पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। छोटे से कार्यकर्ता की तौर पर विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी अध्यक्ष से मुख्यमंत्री बना दिया है। ऐसा सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में ही होता है।

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नेतृत्व में हरियाणा में गुड गवर्नेंस का एक मॉडल पूरे देश के सामने रखा। सरकार ने बहुत अच्छे काम किए हैं। मैं एक ऐसे परिवार से संबंध रखता हूं जहां पशुओं का चारा भी खेत से कटकर लेकर आता था। इसी तरह परिवार से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल भी आते हैं, लेकिन उन्होंने खुद मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया है। वरना बाकी पार्टियों में तो बड़े विवाद हो जाते हैं। खुद के पार्टी छोड़ने के बाद बेटे को कुर्सी पर बैठने की चाहत होती है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में नहीं होता।

मुख्यमंत्री मनोहर तपस्वी है जो देश सेवा में अपना तन मन लगा दिया। आज विपक्ष भी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल की तारीफ कर रहे हैं। 9.3 साल में हरियाणा में एक ऐसी सरकार चली जो ईमानदार है। एकदम दर सरकार हरियाणा में है। आज लोग एक बार फिर मोदी सरकार को मौका देना चाह रहे हैं। विपक्ष का काम है जो बातें उन्हें अच्छी नहीं लगती उनको उठाना। आज हरियाणा में घर बैठे लोगों को सभी सुविधाओं का फायदा मिल रहा है। पहले पेंशन में बहुत घोटाले हो रहे थे लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया से खत्म हो गया।

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