उज्जैन। पिछले वर्ष हुई बारिश ने जहाँ एक ओर सालों के रिकार्ड को तोड़ा था और गंभीर डेम पर लगातार 37 दिन गेट खुले रहने का रिकार्ड बना था। इस बार हालत चिंताजनक है। बरसात के 50 दिन गुजर चुके हैं। अभी तक डेम में पानी की आवक शुरु नहीं हो
पाई है।
आमतौर पर मालवांचल में वर्षा का सीजन 21 जून के बाद शुरू होता है लेकिन इस साल जून माह के अंतिम सप्ताह के पहले ही मानसून सक्रिय हो गया था और शुरुआत में अच्छा पानी बरस गया था। शुरूआती दौर में ही बारिश का आंकड़ा 8 इंच के पार चला गया था लेकिन इसके बाद सावन महीना शुरु हुआ और सावन महीने में मात्र 4 से 5 इंच बरसात हो पाई। भादौ मास का भी एक सप्ताह होने वाला है। इसमें भी अभी तक लगभग साढ़े 3 इंच पानी बरस पाया है। उज्जैन में अभी तक 15 इंच के लगभग बरसात हुई है। हालांकि तीन दिनों से लगातार मौसम बना हुआ है और आज सुबह से भी रिमझिम बरसात हो रही है लेकिन गंभीर डेम में जलस्तर में बढ़ोत्तरी के लिए उज्जैन के साथ-साथ इंदौर में अब तक हुई बारिश नाकाफी रही है। गंभीर डेम में आज सुबह जल स्तर 467 एमसीएफटी ही रह गया। इसमें से 100 एमसीएफटी डेड स्टोरेज हटा दिया जाए तो जलप्रदाय करने लायक पानी की स्थिति 367 एमसीएफटी रह गई है। गंभीर डेम के प्रभारी सहायक यंत्री राजीव शुक्ला के मुताबिक रोजाना जलप्रदाय में गंभीर डेम का पानी उपयोग किया जा रहा है और प्रतिदिन डेम से 6 से 7 एमसीएफटी पानी लिया जा रहा है। अभी तक डेम में केचमेंट ऐरिये की ओर से बरसात के पानी की आवक शुरु नहीं हुई है। हालांकि मौजूदा पानी करीब दो महीने जलप्रदाय किया जा सकता है। जबकि पिछले साल आज के दिन तक गंभीर डेम में 1535 एमसीएफटी पानी भर गया था। इस मान से इस बार हालत चिंताजनक है।
37 दिन खुला
रखा था एक गेट
पिछले साल सितम्बर माह की 5 तारीख को ही गंभीर बाँध का जलस्तर 2250 एमसीएफटी से ऊपर चला गया था। उसी दिन से गंभीर डेम का एक गेट खोल दिया गया था। सितम्बर माह में पूरे महीने अप्रत्याशित वर्षा होने के कारण कई बार डेम के तीन गेट तक खोलने पड़े थे। आमतौर पर 15 सितम्बर तक मानसून की रवानगी मानी जाती है लेकिन बीते वर्ष 16 सितम्बर से लेकर अक्टूबर माह के पहले सप्ताह तक बारिश होती रही थी और जिले में इस वर्ष बारिश का आंकड़ा 66 इंच के पार चला गया था। इन्हीं कारणों के चलते गत वर्ष 5 सितम्बर से लेकर 12 अक्टूबर 2019 की सुबह तक गंभीर का एक गेट 37 दिन से लगातार खुला हुआ था।