इंदौर न्यूज़ (Indore News)

गिरोह का मास्टर माइंड अपंग व्यक्ति, अंग्रेजी बोलने वाली महिला से करते हैं शादी

  • महिला प्रोफेसर से 34 लाख की ठगी में पकड़ाए झारखंड के ठग ने खोले राज

इंदौर। केवाईसी अपडेट (KYC Update) के नाम पर इंदौर की महिला प्रोफेसर वंदना मिश्रा (Professor Vandana Mishra) से 34 लाख की ठगी में साइबर सेल ने झारखंड के हरीश दास को गिरफ्तार किया है। उसका कहना है कि उसके गांव के सैकड़ों युवा यही काम करते हैं। गिरोह का मास्टर माइंड एक व्यक्ति है, जिसको पुलिस हर बार छोड़ देती है। उसने बताया कि गांव के युवा खुद तो कम पढ़े-लिखे होते हैं, लेकिन शादी ऐसी लडक़ी से करते हैं, जो अंग्रेजी अच्छी बोलती हो। उसका उपयोग भी लोगों को ठगने के लिए करते हैं।

कल साइबर सेल की टीम (cyber cell team) के रशीदा खान और रामप्रकाश वाजपेयी (Rashida Khan and Ramprakash Bajpai) की टीम झारंखड से हरीश दास को पकडक़र लाई थी। उसे टीम ने रास्ते से तब पकड़ा था, जब वह बहन के यहां से एक कार्यक्रम से लौट रहा था। उसके पकड़ाते ही गिरोह के दो दर्जन से अधिक सदस्य गांव से फरार हो गए। पुलिस ने हरीश को प्रोफेसर वंदना मिश्रा के साथ ठगी में गिरफ्तार किया है। वह पांच दिन के पुलिस रिमांड पर है। साइबर एसपी जितेंद्रसिंह ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह रोजाना 50 से अधिक लोगों को ठगने के लिए केवाईसी अपडेट के नाम पर मैसेज करते थे। इनमें से जो फंस जाता था उसको ठगने में लग जाते थे। हरीश ने बताया कि उसने यह काम गांव के एक अपंग शिबा से सीखा है।


वह गिरोह का मास्टर माइंड है और उसने ही पूरे गांव के युवाओं को इस गोरखधंधे में लगाया है। पुलिस जब भी पकडऩे आती है जो सामने होते हुए भी पुलिस उसे इसलिए नहीं पकड़ती कि वह अपंग है। वहीं हरीश ने बताया कि उसके गिरोह में दो दर्जन से अधिक लोग हैं। इनमें से ज्यादातर युवाओं की पत्नियां अग्रेजी बोलना जानती हैं। गांव के युवा उन लड़कियों से ही शादी करते हैं, जो अंग्रेजी बोल सकती हैं। लोगों को फंसाने के लिए वे अपनी पत्नियों का उपयोग करते हैं। वे तीन साल से यह काम कर रहे हंै और दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं।

सिम असम और पश्चिम बंगाल से खरीदते हैं
पुलिस को भ्रमित करने के लिए आरोपी मोबाइल सिम और खाते असम तथा पश्चिम बंगाल के लोगों से खरीदते हैं। उनका एटीएम कार्ड और बैंक पासबुक अपने पास रख लेते हैं। उनको केवल आठ से दस हजार रुपए दे देते हैं और चंपत हो जाते हैं। इन सिम से ही ये रोजाना लोगों को केवाईसी अपडेट के लिए मैसेज करते हैं। उनके पास ऐसी दर्जनों सिम हैं।

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