इंदौर न्यूज़ (Indore News)

महामारी ने इन्दौर शहर के 7 इलाकों से 15 बच्चों के सिर से छीना माता-पिता का साया

जूनी इंदौर, पाटनीपुरा विष्णुपुरी, गौरीनगर, अग्रवाल नगर व राऊ सहित
इंदौर, संतोष मिश्र।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद महिला बाल विकास विभाग की टीम द्वारा पिछले कई दिनों से अनाथ बच्चों की खोज की जा रही है,जिसमें शहर के 7 इलाकों में 15 ऐसे अनाथ बच्चे मिले हैं, जिनके सिर से महामारी में माता-पिता का साया उठ लिया। इनमें जूनी इंदौर, पाटनीपुरा, विष्णुपुरी, गौरीनगर, अग्रवाल नगर व राऊ में इन बच्चों के माता-पिता महामारी की भेंट चढ़ गए। इन बच्चों में दो सगी बहनें भी हैं, जिनकी उम्र ज्यादा होने के कारण उनके आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं।
बाल संरक्षण अधिकारी अविनाश यादव ने बताया कि परदेशीपुरा क्षेत्र के गौरीनगर में रहने वाली इन दो बहनों में से एक की उम्र 10 तथा दूसरी की उम्र 5 साल है। जांच-पड़ताल के बाद दोनों के आवेदन मंजूर कर ऑनलाइन कर दिए गए हैं। कमेटी की हरी झंडी के बाद इन दोनों बहनों के संरक्षक उनके चाचा को बनाया गया है। इसी प्रकार राऊ में एक भाई-बहन के सिर से कोरोना ने उनके माता-पिता का साया छीन लिया। बहन की उम्र 6 वर्ष व उसके भाई की उम्र 21 साल है। दोनों के आवेदन मंजूर कर लिए गए हैं। साथ ही कमेटी की अनुमति मिलने के बाद इसके भाई को ही उसका संरक्षक बना दिया गया है। इसी प्रकार भंवरकुआं इलाके की विष्णुपुरी कॉलोनी में एक 12 वर्षीय बालिका अनाथ हो गई है, जिसके रिकार्डों की जांच-पड़ताल के बाद उसे फाइनल कर लिया गया है। इस बालिका के चाचा को उसका वैध संरक्षक बनाया गया है। अग्रवाल नगर की 13 वर्षीय बहन व उसका 17 वर्षीय भाई भी अनाथ हो गए हैं। इन दोनों के आवेदन मंजूर करते हुए उनके भाई को संरक्षक बनाया गया है। इसी प्रकार एमआर-9 कॉलोनी के 18 साल व 10 साल के दोनों सगे भाई अनाथ हो गए हैं। इन दोनों के दस्तावेजों की जांच-पड़ताल के बाद उन्हें मंजूरी देते हुए उसके भाई को संरक्षक बनाया गया है।
लिंबोदी की अनाथ बच्ची देवास में मौसी के यहां रहकर कर रही पढ़ाई
खंडवा रोड स्थित लिंबोदी कॉलोनी में रहने वाली एक बालिका के सिर से कोरोना महामारी ने पिता का साया छीन लिया है। बालिका देवास में अपनी मौसी के पास रहकर पढ़ाई कर रही है। सरकार की योजना का पता चलने पर बालिका ने ऑनलाइन आवेदन किया, जिसके बाद महिला बाल विकास की टीम उसके घर पहुंची और माता-पिता के डेथ सर्टिफिकेट सहित अन्य दस्तावेज लिए। जांच-पड़ताल के बाद बालिका पात्र निकली और आवेदन मंजूर कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि इसकी मौसी को ही संरक्षक बनाया जाएगा।
दो अनाथ भाई-बहन का प्रकरण पेंडिंग…पिता की 7 साल पूर्व सूरत में हुई थी मौत…महामारी ने मां को छीना
शहर की एक कॉलोनी में रहने वाले रहने वाले दो भाई-बहनों का मामला पेंडिंग में रखा है। इनके मामा ने आवेदन किया, जिसके बाद अधिकारियों की टीम उनके घर पहुंची और दस्तावेजों की मांग की, जिसमें अपनी मां का तो डेथ सर्टिफिकेट तो दे दिया, लेकिन पिता का उपलब्ध नहीं करवा पाए। पूछने पर बच्चों ने बताया कि उनके पिता की मौत वर्ष 2014 में सूरत में हो गई थी। मौत के बाद से मां हम लोगों को लेकर इंदौर मामा के यहां आ गई और तब से यही रह रहे हैं। कोरोना महामारी ने हमसे मां को भी छीन लिया है, इसलिए हमें मुख्यमंत्री की योजना का लाभ दिया जाए। दोनों बच्चों ने क्षेत्रीय पार्षद से भी एक पत्र लिखवाया था, जिसमें बच्चों की माली हालत खराब होने का हवाला देते हुए इनके आवेदन मान्य करने की गुहार की गई है। अधिकारियों ने जांच की कार्रवाई पूरी कर फाइल कमेटी को सौंप दी। कमेटी ने दस्तावेजों की छानबीन कर मामला पेंडिंग में रखते हुए बच्चों के मामा से कहा है कि बच्चों के पिता का भी मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें, उसके बाद आपका आवेदन मंजूर कर लिया जाएगा।
अनाथों को लाभ इसलिए रोज की जा रही मॉनीटरिंग
महिला बाल विकास विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर विशाल नाडकर्णी ने बताया कि मुख्यमंत्री की बाल कल्याण योजना सिर्फ अनाथ बच्चों के लिए ही है। जिनके सिर से महामारी ने मां बाप का साया छीन लिया है, उन्हें ही शामिल किया जा रहा है। कोई अपात्र इस योजना का लाभ नहीं ले पाए, इसलिए प्रतिदिन मॉनीटरिंग की जा रही है।


अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए भी लोग आगे आए
इंदौर निवासी दिल्ली स्थित व्यापारी पालना चाहते हैं दो अनाथ बच्चे
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए शहर के लोगों ने भी दिल खोलना शुरू कर दिया है। इंदौर निवासी दिल्ली के व्यापारी गिरधारी टेकवानी ने अग्निबाण को फोन कर 2 बच्चों को गोद लेने की इच्छा जाहिर की। टेकवानी की केवल एक बेटी है, जिसका विवाह हो चुका है। वे दो अनाथ बच्चों को केवल आर्थिक मदद नहीं देना चाहते, बल्कि उन्हें अपने साथ रखकर उनकी परवरिश करना चाहते हैं।
अनाथ बच्चों की मदद के लिए आगे आया अग्निबाण… जारी किए व्हाट्सऐप नंबर
अनाथ बच्चों की मदद के लिए अग्निबाण स्वयं पहल करने जा रहा है। यदि कोई अनाथ बच्चा शासकीय मदद पाने में कोई बाधा महसूस करे या विभागीय संपर्क न कर पाए तो इस व्हाट्सऐप नंबर 9131666681 पर मैसेज करे, ताकि शासकीय अधिकारियों से सम्पर्क कर उस अनाथ बच्चे को मदद दिलाई जा सके।
इन हेल्पलाइन और व्हाट्सऐप नंबरों पर करें फोन
महिला बाल विकास विभाग द्वारा अनाथ बच्चों को ढंूढने के लिए चार हेल्पलाइन और व्हाट्सऐप नंबर जारी किए गए। हेल्पलाइन नंबर 181, 1098 तथा व्हाट्सऐप नंबर 9407896571, 9713603254 हैं। इन्हीं नंबर के जरिए बच्चे फोन करते हैं, फिर उसके घर टीम पहुंचकर दस्तावेजों की जांच-पड़ताल करती है।

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