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‘ERCP पर सरकार ने नहीं किया ऐलान’, गहलोत बोले- गरीब, किसान और आमजन विरोधी बजट

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने देश का आम बजट 2023-24 पेश कर दिया गया है जहां बुधवार को संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट का खाका पेश किया. माना जा रहा है कि इस साल के आखिर में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह बजट कई मायनों में अहम हो सकता है.

वहीं बजट को लेकर अन्य राजनीतिक दलों की अब प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है जहां राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बजट को गरीब, भूमिहीन किसान और आमजन विरोधी बताया है. वहीं गहलोत सरकार में मंत्री व्यक्तिगत आयकर को लेकर वित्त मंत्री के ऐलान पर कहा है कि टैक्स स्लैब को 5 लाख से 7 लाख कर देना ऊंट के मोह में जीरा देने के सामान है.

इधर राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बजट को सप्तऋषि समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, हरित विकास और वित्तीय क्षेत्र पर आधारित बजट करार दिया है. राठौड़ ने कहा कि यह बजट एक नए और समृद्ध, शक्तिशाली, आत्मनिर्भर भारत का जनकल्याणकारी बजट है.

महंगाई पर सरकार ने साधी चुप्पी : गहलोत
गहलोत ने कहा कि बजट में केवल मीडिया में हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का इस्तेमाल किया गया है और गरीब लोगों के लिए कोरोना काल में संजीवनी साबित हुई महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना में साल 2023-24 का बजट प्रावधान 33 प्रतिशत कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान, एवं आमजन विरोधी है.

उन्होंने कहा कि इस बजट में किसानों से संबंधित बहुत सारी थोथी घोषणाएं की गई है लेकिन कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले साल से लगभग 6 प्रतिशत कम राशि का प्रावधान किया गया है. वहीं इसी तरह यूरिया सब्सिडी मद में पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी की कमी कर दी गई है.


इसके अलावा गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की उपेक्षा पिछले सालों की तुलना में इस बजट में भी नगण्य वृद्धि कर की गई है. गहलोत ने कहा कि देश पिछले कुछ सालों से मंहगाई से त्रस्त है और आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है लेकिन महंगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी या स्टेटमेंट नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल हो सकता है.

ERCP पर कोई ऐलान नहीं : गहलोत
वहीं इसके आगे गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय बजट की यदि राजस्थान प्रदेश के संदर्भ में देखा जाए तो यह घोर निराशाजनक रहा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में महत्वपूर्ण परियोजना ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने के लिए हम काफी समय से सरकार से मांग कर रहे थे लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा इसको स्वीकार नहीं किए जाने से प्रदेशवासियों को निराशा हुई है.

गहलोत ने आरोप लगाया कि चुनावों को देखते हुए कर्नाटक राज्य को उपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में 5,300 करोड़ की राशि दी गई है ऐसे में यह केन्द्र का राजस्थान के प्रति सौतेला व्यवहार दिखाता है.

आत्मनिर्भर भारत का जनकल्याणकारी बजट : राठौड़
इसके अलावा राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बजट पर कहा है कि यह समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे के साथ ही हरित विकास के क्षेत्र पर आधारित बजट है. उन्होंने कहा कि यह समृद्ध, शक्तिशाली, आत्मनिर्भर भारत का जनकल्याणकारी बजट है जो आम आदमी की आकांक्षाओं और आशाओं को पूरा करने वाला साबित होगा. राठौड़ ने कहा कि बजट से एक बार फिर साबित हो गया है कि मोदी सरकार देश के गरीब, किसान और युवाओं के सपनों के साथ खड़ी है.

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