इंदौर न्यूज़ (Indore News)

सरकार ने इथेनॉल की मात्रा बढ़ाई, शहर के पंपों पर मिल रहा लाल रंग का ‘ई-20 पेट्रोल’

पेट्रोल का रंग हुआ लाल, कैसे हो गया कमाल?

इंदौर। शहर के पेट्रोल पंपों (Petrol Pump) पर 20 प्रतिशत इथेनॉल मिले पेट्रोल की बिक्री शुरू हो गई है। फिलहाल इसका लाल रंग रखा गया है। इस चक्कर में वाहन चालक भ्रमित हो रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि पेट्रोल में कुछ और मिलाकर बेचा जा रहा है। हालांकि पेट्रोल के लाल रंग की व्यवस्था कुछ दिन ही रहेगी, जब तक पूरी तरह से शहर के पंपों पर इसकी बिक्री शुरू न हो जाए। 20 प्रतिशित इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का नाम भी ‘ई-20 पेट्रोल’ रखा गया है।


अभी तक पेट्रोलियम कंपनियां 12 प्रतिशत इथेनॉल मिलाकर पेट्रोल बेच रही थी। इसके बाद पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने को लेकर प्रयोग चल रहा था और अब कुछ दिनों से शहर के पेट्रोल पंपों पर यह पेट्रोल उपलब्ध होने लगा है। हालांकि कंपनियों के पास स्टोरेज में अभी पुराना पेट्रोल भी है और वह भी बेचा जा रहा है, जो सामान्य तौर पर पीले रंग का होता है, वहीं नया पेट्रोल लाल रंग का आ रहा है। पंप संचालकों के अनुसार अभी दोनों पेट्रोल की अलग-अलग पहचान हो सके, इसलिए 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का रंग लाल आ रहा है। इसी को लेकर कई वाहन मालिक विवाद कर लेते हैं कि कहीं पेट्रोल में कुछ मिलाया तो नहीं है, लेकिन अधिकांश पेट्रोल पंपों पर यह पेट्रोल मिल रहा है।

कीमत और माइलेज पर असर नहीं
इसके पहले 12 प्रतिशत इथेनॉल मिलाकर पेट्रोल की बिक्री की जा रही थी, जिसका रंग पीला था। अब जो नया पेट्रोल आ रहा है, उसकी कीमत वही है और माइलेज भी वही है। केवल इथेनॉल मिश्रित प्रयोग किया गया है। लंबे समय से यह प्रयोग किया जा रहा था, लेकिन बाजार में अब इस पेट्रोल को उतारा गया है। यह माइलेज भी उतना ही देता है, जितना पुराना पेट्रोल देता आ रहा है।

खाड़ी देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी
इसके पीछे सरकार की सोच यह है कि इससे तेल की निर्भरता खाड़ी देशों पर कम हो जाएगी। यानि 1 लीटर में से 200 मिलीलीटर पेट्रोल तो भारत ही उत्पादन कर लेगा और इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी। आने वाले समय में और भी प्रयोग किए जाना है, जिससे पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा बढ़ाई जाएगी। माना जा रहा है कि अगर ज्यादा एथेनॉल मिलाया जाएगा तो पेट्रोल के दामों में कमी आना शुरू हो जाएगी।

ई-20 पेट्रोल है क्या?
एथेनॉल गन्ने से प्राप्त होता है। शकर मिलों से यह प्राप्त होता है और इसी से एथेनॉल तैयार किया जाता है। इसके अलावा चावल की भूसी या मक्का से भी यह मिलता है।

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