नई दिल्ली । सरकार (Government) ने कर्मचारी यूनियन (Workers Union) के अदालत का रुख करने के बाद (After going to Court) सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (CEL) को एक कम चर्चित कंपनी को बेचने की योजना (Plan to Sell) टाल दी (Postpones) है। एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को कहा कि नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग द्वारा लगाई गई 210 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली में कम मूल्यांकन के आरोप की जांच की जा रही है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग ही सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया को देखता है।पांडेय ने बताया कि सीईएल में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को अभी आशय पत्र जारी नही किया गया है और कम मूल्यांकन के आरोपों की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि सरकार ने नवंबर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के तहत नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को 210 करोड़ रुपये में सीईएल को बिक्री की मंजूरी दी थी। निजीकरण के इस लेनदेन को मार्च, 2022 तक पूरा किया जाना था।
सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में सोलर एनर्जी से जुड़े प्रोडक्ट का निर्माण होता है, जिसमें सीईएल सोलर फोटोवोल्टिक पैनल, सोलर पावर प्लांट, बिल्डिंग इंट्रीगेट फोटोवोल्टिक, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, सोलर वाटर पंम्पिग सेट, सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर होम लाइट, सोलर मिनी ग्रिड और सोलर स्मार्ट ट्री का निर्माण किया जाता है।
सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को खरीदने के लिए नवंबर 2021 में बोली लगी थी, जिसमें नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लि. ने जहां 210 करोड़ रुपये की बोली लगायी वहीं जेपीएम इंडस्ट्रीज ने 190 करोड़ रुपये की बोली लगायी थी।
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