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उज्जैन। सरकार समर्थन मूल्य पर हर साल अरबों रुपए का गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि अनाज खरीदती है लेकिन रखरखाव के अभाव और अफसरों की उदासीनता के कारण गोदामों में रखे यह अनाज सड़कर खराब हो गया है। उज्जैन सहित प्रदेश के 32 से अधिक जिलों के 170 गोदामों में अलग-अलग स्थानों पर रखा अरबों रुपए का खराब हुआ अनाज अब मनुष्यों और जानवरों के खाने लायक तक नहीं बचा हैं।
औने-पौने दामों पर बेच रहे अनाज
सूत्रों का कहना है कि विभाग के अफसर करोड़ों का अनाज औने-पौने दामों पर बेचने में लगे हुए है। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2023-24 तक किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया यह अनाज सड़ चुका है। निगम ने इसे बेचने के लिए कई बार टेंडर जारी किए, लेकिन वह अब तक अनाज बेच नहीं पाया है। अब निगम ने 26 नवंबर तक इस सड़े हुए अनाज को बेचने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। इसमें 11 मार्च 2024, 13 मार्च 2024 के नहीं बिक हुए अनाज सहित 22 अगस्त 2024 के निरस्त लाट के अनाज को फिर से बेचने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध ने टेंडर जारी किए है। नागरिक आपूर्ति निगम जो अनाज बेचना चाहता है वह प्रदेश भर के 170 गोदामों में अलग-अलग स्थानों पर रखा हुआ हैं।
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