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सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 24.58 फीसदी बढ़कर 14.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

– रिफंड समायोजित करने के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह रहा 12.31 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली (New Delhi)। वैश्विक मंदी की आशंका (fear of global recession) के बीच देश की अर्थव्यवस्था (country’s economy) पटरी पर है। वित्त वर्ष 2022-23 में 10 जनवरी तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (gross direct tax collection) 24.58 फीसदी उछलकर 14.71 लाख करोड़ रुपये (Rs 14.71 lakh crore) पर पहुंच गया। इस बढ़ोतरी में व्यक्तिगत आयकर का अहम योगदान है।


वित्त मंत्रालय ने बुधवार को ट्विट कर बताया कि सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 10 जनवरी तक 24.58 फीसदी बढ़कर 14.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें रिफंड समायोजित करने के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.31 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 19.55 फीसदी अधिक है।

मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आंकड़ों के अनुसार यह संग्रह चालू वित्त वर्ष के कुल बजट अनुमान का 86.68 फीसदी है। केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। आंकड़ों के मुताबिक सकल आधार पर कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) संग्रह 19.72 फीसदी बढ़ा, जबकि व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) में 30.46 फीसदी की वृद्धि हुई है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक सीबीडीटी के रिफंड समायोजित करने के बाद सीआईटी संग्रह में 18.33 फीसदी की शुद्ध वृद्धि हुई जबकि पीआईटी 20.97 फीसदी बढ़ा। बयान के मुताबिक एक अप्रैल, 2022 से 10 जनवरी, 2023 के बीच 2.40 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं, जो सालाना आधार पर 58.74 पीसदी ज्यादा हैं। (एजेंसी, हि.स.)

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