भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

ग्वालियर के भन्नाट पत्रकार देव श्रीमाली को मिलेगा ग्लोबल एक्सीलेंस मीडिया अवार्ड

वाकिफ़ कहां ज़माना हमारी उड़ान से
वो और थे जो हार गए आसमान से

उन्हें आप 61 बरस का नोजवान सहाफी (पत्रकार) भी कह सकते हैं। जि़क्रे खैर जब अपने गबालियर वाले देव श्रीमाली साब का हो तो एक साथ कई कहानियां आपके ज़हन में नुमायां होने लगेंगी। भाई के किरदार का सबसे मजबूत पहलू ये है कि इनके यहां आज भी कमिटेड और ईमानदार सहाफत (पत्रकारिता) पूरी आन बान शान के साथ जि़ंदा है। इस बाज़ारू दौर में जब सहाफत अपने वजूद को बमुश्किल बचा पा रही है, क़लम पे लाखों पहरे हैं…देव श्रीमाली पूरी दबंगई, हौसले और हिम्मत के साथ किला लड़ा रहे हैं। गोया के ये ईमानदार को छेड़ते नईं और बेईमान को छोड़ते नईं। रेने वाले भिंड के हैं और गुजिश्ता 32 बरसों से ग्वालियर में कय़ाम करते हुए अपनी सहाफत को पूरी खुद्दारी के साथ जी रहे हैं। चंबल का पानी है लिहाज़ा इनकी शख्सियत में इनका फक्कड़, अख्खड़ और फकीराना अंदाज़ नुमायां होता है। देव श्रीमाली का जिस्मानी क़द ज़रूर छोटा है, बाकी बतौर सहाफी इनके क़द और मयार के लोग कम बचे हैं।



अरे मियां… मैं बी ना इनके काम से इत्ता मुतास्सिर हो गिया के इने इसी महीने की 17 तारीख को मिल रहे मुल्क के भोत मुअजि़्जज़़ (प्रतिष्ठित) अवार्ड की खबर ही आपको नई दे पा रिया। ये अवार्ड नोएडा फि़ल्म सिटी में मारवाह स्टूडियो की जानिब से अता किया जा रहा है। दरअसल वहां ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज़्म उनवान से तीन रोज़ा झकास पिरोग्राम होता है। उसमें 17 फरवरी को देव भाई को ग्लोबल एक्सीलेंस मीडया अवार्ड से नवाजा जाएगा। इने ये नेशनल अवॉर्ड कोरोना के दरम्यान चल बसे सहाफियों पे इनके द्वारा लिखी गई किताब ‘बिछड़े सभी बारी बारीÓ के लिए दिया जा रहा है। आपको बताता चलूं के देव श्रीमाली क़लम के लपक धनी हैं। आज के दौर में लफ्ज़़ों का इत्ता सटीक इस्तेमाल करने वाले भोत कम बचे हेँगे। इनके पास लफ्ज़़ों का भरपूर सरमाया है जिसका ये पूरी रवानी और नफासत से इस्तेमाल करते हैं। दैनिक भास्कर ग्वालियर में इनके कालम ‘परत दर परतÓ और ‘सरे राह चलते चलतेÓ भोत मक़बूल हुए थे। आपने जनसत्ता,आचरण, एबीपी न्यूज़, एनडीटीवी, ई-टीवी सहित कई अखबारों में अपने हुनर का लोहा मनवाया। फिलवक्त ये द सूत्र न्यूज़ पोर्टल सहित कई मीडिया ग्रुप्स के लिए कॉन्ट्रिब्यूट कर रहे हैं। आज देव का नाम ग्वालियर-चंबल ही नहीं पूरे मुल्क के सहाफियों के बीच इज़्ज़त से लिया जाता है। अगर ये कहा जाए के देव श्रीमाली इस ग्लोबल एक्सीलेंस मीडिया अवार्ड के सर्वथा योग्य हैं तो कुछ गलत न होगा। भोत भोत मुबारक हो मेरे चंबल के शेर।

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