इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

आधा इंदौर और महंगा, सांवेर रोड पर 160 नई कॉलोनियां हो गईं विकसित

अग्निबाण का आकलन सही साबित… गाइडलाइन में बढ़ोतरी को मिली भोपाली मंजूरी, आवासीय भूखंडों में 10 फीसदी तो कृषि जमीनों पर 9 फीसदी अधिक लगेगी स्टाम्प ड्यूटी

इंदौर। 1 अप्रैल से इंदौर जिले की गाइडलाइन (guideline) वृद्धि को मंजूरी मिल गई है। अग्रिबाण ने लगातार गाइडलाइन (guideline) से संबंधित समाचारों का प्रकाशन किया, जिसमें यह भी कहा गया कि 17 प्रतिशत तक औसत वृद्धि होगी। कल केन्द्रीय मूल्यांकन समिति की भोपाल (Bhopal) में हुई बैठक में इंदौर सहित अन्य जिलों की प्रस्तावित गाइडलाइन (guideline) को मंजूरी दी गई, जिसमें लगभग आधा इंदौर (Indore) और भी महंगा हो गया है, क्योंकि 5 हजार में से 2400 से अधिक स्थानों पर गाइडलाइन में वृद्धि कर दी गई है। सबसे अधिक सांवेर रोड पर 160 नई कॉलोनियां विकसित हुई, जो आगामी वित्त वर्ष की गाइडलाइन (guideline) में शामिल की गई है। अब आवासीय भूखंडों पर 10 फीसदी, तो कृषि जमीनों पर 9 फीसदी अधिक स्टाम्प ड्यूटी चुकाना पड़ेगी।


बीते वर्षों में इंदौर की गाइडलाइन लगातार बढ़ाई जाती रही। इसके चलते जब अचल सम्पत्तियों के कारोबार में मंदी आई तब यही गाइडलाइन सभी को महंगी पडऩे लगी, जिसके चलते बाद के वर्षों में गाइडलाइन में इजाफा नहीं किया गया और तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने तो 20 फीसदी गाइडलाइन में कमी भी कर दी। बीते डेढ़ सालों से इंदौर का रियल इस्टेट कारोबार तेजी से बढ़ा, जिसके चलते अब आगामी वित्त वर्ष के लिए फिर गाइडलाइन में वृद्धि को मंजूरी दी गई है। वैसे तो बायपास, खंडवा रोड से लेकर सुपर कॉरिडोर और इंदौर-उज्जैन रोड पर सबसे अधिक जमीनों में तेजी रही और धड़ाधड़ कॉलोनियां भी कटने लगी। अभी जो 1 अप्रैल से गाइडलाइन लागू होगी उसमें सबसे अधिक इंदौर से सांवेर के बीच विकसित हुई 160 नई कॉलोनियां शामिल की गई है। दरअसल, इंदौर जिले में लगभग 5 हजार लोकेशन हैं, जहां पर गाइडलाइन मान्य की गई है। अब उनमें से लगभग 50 फीसदी यानी आधा इंदौर 1 अप्रैल से और महंंगा कर दिया है। हालांकि यह भी सच है कि इनमें से अधिकांश जगहों पर अभी भी बाजार मूल्य 2 से 4 गुना ज्यादा है। मगर चूंकि गाइडलाइन उतनी नहीं बढ़ाई जा सकती अन्यथा सरकार को जमीन अधिग्रहण के बदले दो से चार गुना राशि उतनी और ज्यादा देना पड़ेगी। अभी 800 ऐसे स्थान हैं जहां कृषि जमीनें महंगी कीगई हैं। ये वे स्थान हैं जहां इस वित्त वर्ष में सबसे अधिक खरीद-फरोख्त दर्ज हुई। यहां पर 9 फीसदी गाइडलाइन में इजाफा किया गया है। इसी तरह 2400 स्थान ऐसे हैं जहां पर आवासीय भूखंड यानी कॉलोनियां मौजूद हैं। उनमें 10 फीसदी गाइडलाइन में वृद्धि की गई है। वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा के मुताबिक कल तक 2120 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया जा चुका है और अब मार्च के बचे दिनों में भी बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां होंगी। अभी तक 1 लाख 60 हजार दस्तावेज पंजीबद्ध हो गए हैं और अब 31 मार्च तक छुट्टियों के दिन भी रजिस्ट्रियां की जाती रहेंगी।

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