भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुनी सुनाई : भाजपा में घुटन से उभरने होंगे सम्मेलन!

यह खबर ग्वालियर से निकलकर आ रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने और उनके लगातार बढ़ते कद से भाजपा के पुराने दिग्गज नेता और उनके समर्थक अपनी ही पार्टी में बेगाने होकर घुटन महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिंधिया खेमे के कारण भाजपा के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं की पूछ-परख कम होती जा रही है। कहीं कहीं नये पुराने कार्यकर्ताओं में वर्चस्व को लेकर टकराव की खबरें भी आ रही हैं। ग्वालियर में दीपावली मिलन के नाम पर कुछ पुराने भाजपाई एकत्रित हुए और तय किया कि पार्टी में वर्चस्व बचाना है तो एकजुट होकर मुखर होना होगा। फिलहाल प्रस्ताव तैयार हुआ है कि ग्वालियर चंबल संभाग के 8 जिलों में पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन किए जाएं। इन सम्मेलनों के जरिए पार्टी के पुराने कार्यकर्ता खुलकर अपनी बात पार्टी नेताओं के सामने रखें। देखते हैं यह सम्मेलन कब शुरु होते हैं?
स्पेशल डीजी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी
मप्र में कोई तो है जो इसी महीने रिटायर होने वाले स्पेशल डीजी स्तर के वरिष्ठ आईपीएस राजेन्द्र मिश्रा से बदला लेना चाहता है। मुखबिर का कहना है कि हाईकोर्ट की एक टिप्पणी को आधार बनाकर अचानक उनके खिलाफ कार्रवाई की फाईल तैयार हुई है। फिलहाल उनकी पेंशन रूकना भी तय माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार राजेन्द्र मिश्रा जब सीआईडी में थे तब राज्य फॉरेंसिक लैब का चार्ज भी उनके पास था। चर्चा है कि उनकी किसी कथित लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी। लंबे समय तक यह मामला पड़ा रहा। अब रिटायरमेंट के ऐन पहले पुलिस मुख्यालय से उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव गृह विभाग भेजा गया है। गृह विभाग इसे भारत सरकार को भेज रहा है। इधर राजेन्द्र मिश्रा का दावा है कि उनका पूरा कैरियर बेदाग है।
यह शहीदों का अपमान है!
इस वर्ष मप्र में लोगों की सुरक्षा करते हुए 16 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है। लेकिन भोपाल में आयोजित शहीद दिवस पर शहीदों का सम्मान करने और इनके परिवार के आंसू पोंछने सरकार का कोई मंत्री नहीं पहुंचा। अफसरों ने शहीद दिवस मनाने की खानापूर्ति कर ली। हर वर्ष 21 अक्टूबर को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर शहीदों के सम्मान में आयोजित इस गरिमामय आयोजन में राज्यपाल और गृहमंत्री स्वयं उपस्थित रहते हैं। इस वर्ष भी राज्यपाल को आना था। लेकिन राज्यपाल अचानक गुजरात चले गए। गृहमंत्री भी नहीं पहुंचे। राज्य सरकार का कोई अन्य मंत्री भी शहीदों को नमन करने नहीं आया। मप्र के मुख्य सचिव और डीजीपी ने शहीद दिवस कार्यक्रम की औपचारिकता पूरी की। इस आयोजन में शहीदों के परिजन जिस सम्मान की उम्मीद कर भोपाल आए थे, वह उन्हें नहीं मिल सका। महामहिम ने इतना अहसान जरूर कर दिया कि एक लिखित संदेश भेजा जिसे भोपाल (ग्रामीण) आईजी इरशाद वली ने शहीदों के परिजनों को पढ़कर सुना दिया।
अखबार मालिक की गिरफ्तारी की तैयारी*
भोपाल पुलिस एक बड़े अखबार मालिक, उनके बेटे और उनके सीए को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है। इन पर आरोप है कि इन्होंने अखबार के मालिकाना हक को लेकर आरएनआई में जो जानकारी दी है, उन दस्तावेजों में हेराफेरी की है। मजेदार बात यह है कि इस संबंध में भोपाल के क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत उनके सगे बड़े भाई ने ही दर्ज कराई है। पुलिस जांच में छोटा भाई, उनका बेटा और उनका सीए दोषी पाए गये हैं। गिरफ्तारी से बचने अखबार मालिक का बेटा और सीए जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत कराने पहुंचे थे, लेकिन उनका आवेदन खारिज हो गया है। अब पुलिस कभी भी इन तीनों को गिरफ्तार कर सकती है।
अब रूबिका के महाकाल मंदिर पहुंचने पर सवाल
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उज्जैन यात्रा को कवर करने दिल्ली से उज्जैन आई टीवी एंकर रूबिका लियाकत ने महाकाल मंदिर में दर्शन किये और नंदी के कान में कुछ कहते हुए फोटो भी खिंचवाया। इस फोटो को वायरल करते हुए कांग्रेस आईटी सेल भाजपा पर हमलावर दिखाई दिया। दरअसल कुछ दिन पहले कमलनाथ के साथ मप्र महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नूरी खान महाकाल मंदिर पहुंची तो भाजपा आईटी सेल ने हंगामा मचा दिया कि यह मुसलमान होकर महाकाल मंदिर के अंदर कैसे पहुंची? रूबिका लियाकत के मामले में भाजपा आईटी सेल की चुप्पी पर कांग्रेस जबाव मांग रही है और भाजपा को सलाह दे रही है कि धर्म का धंधा बंद करो।
विधायक व पूर्व विधायक में टकराव
टीकमगढ में भाजपा विधायक राकेश गिरी और भाजपा के ही पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव में जमकर टकराव चल रहा है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। श्रीवास्तव का आरोप है कि राकेश गिरी के परिवार का कोई व्यक्ति पार्षद नहीं बना इसलिए उन्होंने टीकमगढ नगर पालिका हरवा दी। उन्होंने यह कहते हुए दीपावली पर शहर में झाडू लगाई कि विधायक की शह पर नगर पालिका सीएमओ शहर की सफाई को बाधित कर रहे हैं। इधर राकेश गिरी ने भी मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि भाजपा का सबसे बड़ा नुकसान श्रीवास्तव के कारण हो रहा है।
और अंत में….!
मप्र भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की सख्ती के बाद उनके जन्मदिन पर लगाए गए पोस्टर बैनर रातों-रात उतार दिए गये। अखबारों में छपने वाले बधाई विज्ञापन रोक दिए गये। वीडी शर्मा का जन्म दीपावली के दिन हुआ था। वे तारीख के बजाय दिवाली के दिन पहला जन्मदिन मनाते हैं। उत्साही कार्यकर्ताओं ने उनके जन्मदिन पर पूरे भोपाल शहर को बधाई पोस्टर बैनर से पाटने की तैयारी कर ली। अखबारों में विज्ञापन भी बुक हो गये। लेकिन वीडी शर्मा इस मुद्दे पर इतने सख्त हो गए कि उन्होंने बैनर पोस्टर उतरवा दिए। बिना तामझाम के वे अपना जन्मदिन मनाने वृद्धाश्रम व अनाथाश्रम पहुंचे। बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया और अनाथ बच्चों को स्मार्ट टीवी भेंट कर आए। वैसे भाजपा में ऐसी कोशिशें पहले भी होती तो हैं, लेकिन ज्यादा दिन चलती नहीं हैं। फिर भी वीडी शर्मा को बधाई कि जिन्होंने सिद्ध कर दिया कि वे अभी भी संघनिष्ठ हैं।
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