भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुनी सुनाई : गृहमंत्री को पोते का डर!

मप्र की राजनीति में चाणक्य माने जाने वाले प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी अपने पोते से डरते हैं। इस सप्ताह पोते के एक आदेश पर वे विकास यात्रा बीच में छोड़कर कुछ देर के लिए भोपाल आए थे। गृहमंत्री ने तय किया था कि पूरी विकास यात्रा के दौरान वे अपने विधानसभा क्षेत्र में रहेंगे और 25 फरवरी के बाद ही भोपाल लौटेंगे। उन्होंने भोपाल में आयोजित पुलिस मीट के कार्यक्रम का उद्घाटन करने से भी मना कर दिया। इसी बीच शनिवार को वे अचानक कुछ देर के लिए भोपाल आए और लौट गये। दरअसल नरोत्तम मिश्रा का लाडला पोता भोपाल के एक स्कूल में नर्सरी में पढ़ता है। शनिवार को स्कूल में पहली बार ग्रांड पेरेंट्स मिटिंग आयोजित की गई थी। पोते को दादा जी के साथ न केवल स्कूल पहुंचना था, बल्कि बच्चा बनकर पेटिंग खेल आदि में भाग भी लेना था। पोते का आदेश मिलते ही मंत्री जी विकास यात्रा को विराम लगाकर भोपाल पहुंचे और पोते के साथ स्कूल गये। वहां पेटिंग भी की।

खेलमंत्री क्यों परेशान हैं?
मप्र में ‘खेलो इंडिया’ की अपार सफलता के बाद भी खेलमंत्री यशोधरा राजे सिंधिया विभाग की एक गंभीर घटना को लेकर परेशान बताई जा रही हैं। खेलमंत्री को विभाग की बदनामी की चिन्ता है। दरअसल मप्र खेल विभाग के एक चीफ कोच पर आरोप है कि उसने मुम्बई के होटल में मप्र की एक प्रतिभाशाली महिला खिलाड़ी के साथ गलत काम किया है। महिला खिलाड़ी ने इसकी लिखित शिकायत मुम्बई पुलिस सहित खेलमंत्री से भी की है। ‘खेलो इंडियाÓ आयोजन में विभाग की बदनामी न हो इसलिए खेलमंत्री ने इस मामले पर आयोजन के बाद कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया था। अब महिला खिलाड़ी के परिजनों का खेल मंत्री पर न्याय दिलाने का दबाव है। खबर आ रही है कि खेलमंत्री ने फिलहाल इसकी जांच विभागीय महिला उत्पीडऩ समिति को सौंपी है। खेल महकमे में चर्चा है कि इस मामले को रफा-दफा करना आसान नहीं है क्योंकि पीडि़त महिला खिलाड़ी का परिवार चीफ कोच को सजा दिलाने पर आमादा है।


एडीजी की खुलेगी पोल!
जबलपुर हाईकोर्ट के एक वकील ने पुलिस मुख्यालय में मलाईदार कुर्सी पर बैठे एडीजी स्तर के एक वरिष्ठ आईपीएस के बारे में आरटीआई लगाकर उनके अभी तक के सभी मेडीकल बिलों की छायाप्रति मांगी है। इसके पहले इसी वकील ने एडीजी की बेटी के मोबाइल फोन और सिम खरीदी की डिटेल मांगी थी। दरअसल इस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को रिटायरमेंट के पहले कथित भ्रष्टाचार में घेरने की तैयारी है। खबर तो यहां तक आ रही कि इसी वर्ष रिटायर होने वाले इस आईपीएस अधिकारी ने अपने गृह राज्य में बसने की तैयारी की है। गृह राज्य में उन्होंने जो सम्पतियां खरीदी हैं उनकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। मुखबिर का कहना है कि पुलिस के ही कुछ अधिकारी इस अफसर को निपटाने की तैयारी कर रहे हैं। भोपाल से लेकर आईपीएस के गृह राज्य तक जानकारी जुटाने कई टीमें तैनात की गई हैं।

कमलनाथ की विधानसभा में रूचि नहीं
मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष और कांग्रेस की ओर से सीएम पद के दावेदार कमलनाथ को विधानसभा सत्र और विधानसभा में होने वाली कार्यवाही में बिल्कुल रूचि नहीं है। कमलनाथ ने लंबे समय तक लोकसभा में कांग्रेस की ओर से फ्लोर मैनेजमेंट किया है। वे देश के संसदीय कार्य मंत्री भी रहे हैं। लेकिन जब से उन्होंने मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ा है उनकी रूचि विधानसभा की कार्यवाही से समाप्त हो गई है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि विधायक के रूप में उन्होंने आजतक न तो विधानसभा में कोई प्रश्न लगाया है और न ही ध्यानाकर्षक प्रस्ताव पर चर्चा मांगी है जो कि विधायकों के लिए अपने क्षेत्र की बात रखने का सबसे आसान तरीका है। यहां तक की पिछले सत्र में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी कमलनाथ सदन की कार्यवाई से पूरी तरह नदारत थे।

विकास यात्रा फेल फिर भी भाजपा नेता खुश!
मप्र में विकास यात्रा पूरी तरह फ्लॉप शो साबित हो रही हैं। मंत्री और विधायक बेमन से कलेक्टरों के भरोसे अपने अपने क्षेत्र में विकास यात्रा के नाम पर घूम रहे हैं। लेकिन इस यात्रा का कोई सकारात्मक असर दिखाई नहीं दे रहा है। मीडिया की खबरें भी विकास यात्रा का मजाक उड़ाती दिख रही हैं। इसके बाद भी प्रदेश भाजपा के नेता खुश हैं। दरअसल भाजपा संगठन ने इस विकास यात्रा को पार्टी विधायकों के लिए लिटमस टेस्ट के रूप में लिया है। विकास यात्रा के जरिये भाजपा विधायकों और संगठन को पता चल गया है कि किस विधानसभा क्षेत्र में किस विधायक की क्या स्थिति है। कहां मतदाताओं की कितनी और किस मुद्दे पर नाराजगी है। मप्र विधानसभा चुनाव में अभी सात महीने का समय है। भाजपा के पास इस नाराजगी को दूर करने और सुधार करने का पर्याप्त समय है।

मुस्लिम आईएएस को चाहिए शंकराचार्य का साथ
मप्र के आईएएस नियाज खान को अपनी नई किताब के विमोचन के लिए शंकराचार्य की उपस्थिति चाहिए। इसके लिए वे पूरा प्रयास कर रहे हैं। नियाज खान का आठवां उपन्यास अगले महीने छपकर आ जाएगा। इस उपन्यास का नाम है द ग्रेट ब्राह्मण। नियाज खान इसका विमोचन शंकराचार्य जी से कराना चाहते हैं। खबर है कि झोतेश्वर के शंकराचार्य जी ने उनकी पुस्तक बुलाई है। इसे पढऩे के बाद वे विमोचन करने के बारे में फैसला करेंगे। नियाज की पुस्तक आने से पहले ही इसकी चर्चा तेज हो गई है। दरअसल अपनी नई पुस्तक में नियाज खान ने ब्राह्मणों के 3000 वर्ष के इतिहास को साक्षी मानकर दावा किया है कि ब्राह्मण दुनिया के सबसे जीनियस व्यक्ति होते हैं। इनकी बुद्धि का उपयोग राष्ट्रहित में करना चाहिए। न्याय पालिका सहित अनेक बड़ी संस्थाओं को वे ठीक से सम्हाल सकते हैं। पुस्तक में बजरंग दल को नैतिक पुलिस का दर्जा देने की बात भी कही गई है। यानि इतना तय है कि आईएएस अफसर नियाज खान की आने वाली पुस्तक अपने साथ नये नये विवादों को भी ला सकती है। लेकिन इस पुस्तक से ब्राह्मण समाज बहुत खुश है।

और अंत में…!
मप्र के रिटायर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज श्रीवास्तव आजकल अपने साथ हुए चमत्कार की चर्चा मित्रों और सोशल मीडिया पर खुलकर कर रहे हैं। उनका दावा है कि मां सरस्वती के एक मंत्र ने इस सप्ताह उनकी इज्जत का फालूदा बनने से बचा लिया। सोशल मीडिया पर अपना यह अनुभव शेयर करते हुए मनोज श्रीवास्तव ने लिखा है कि राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन उन्हें देना था, लेकिन उनका गला अचानक खराब हो गया। गले में कांटे से चुभ रहे थे। आवाज बैठ चुकी थी। ऐसा लगा कि आज इस आयोजन में इज्जत का फालूदा हो जाएगा। तभी अचानक उन्होंने मन ही मन मां सरस्वती को याद करते हुए ऊं वद् वद् वाग्वादिन्यै स्वाहा मंत्र का जाप शुरु किया। कुछ देर में ही चमत्कार हुआ। उनका गला एकदम ठीक हो गया और उनकी आवाज एकदम सामान्य हो गई।

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