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हिजबुल्लाह ने मार गिराया इजरायल का हर्मीस ड्रोन, क्यों बढ़ी भारत की टेंशन


बेरूत: लेबनान में हिजबुल्लाह(Hezbollah)  ने इजरायली (Israel) हर्मीस ड्रोन (Hermes drone) को मार गिराया (shot down) है। इससे इजरायल और लेबनान (lebanon) में तनाव काफी बढ़ गया है। रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह की सैन्य शाखा ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (missile) से दक्षिणी लेबनान के ऊपर उड़ रहे हर्मीस 450 ड्रोन को नष्ट किया है। हिजबुल्लाह की इस सफलता को इजरायल के लिए काफी बड़ा झटका माना जा रहा है। ऐसी आशंका है कि हर्मीस ड्रोन को मार गिराने में इस्तेमाल की गई मिसाइल की सप्लाई ईरान ने की थी। हिजबुल्लाह के पास मिसाइलों और रॉकेट का बहुत बड़ा जखीरा है। अपनी इसी ताकत के दम पर हिजबुल्लाह लगातार इजरायल पर हमले कर रहा है।


हिजबुल्लाह के दावे की IDF ने पुष्टि की

हिजबुल्लाह के दावे में कहा गया है कि “रविवार को रात 10:50 बजे (19:50 GMT) इस्लामिक प्रतिरोध बलों द्वारा दक्षिणी लेबनान में अल ऐशियेह स्थान पर दुश्मन के ड्रोन को सफलतापूर्वक रोक दिया गया था।” इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने बाद में इस दावे की पुष्टि की। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, आईडीएफ ने संकेत दिया कि उसने इस घटना में शामिल हिजबुल्लाह के एयर डिफेंस सिस्टम को अक्षम करने के लिए जवाबी हवाई हमले शुरू किए। आईडीएफ ने इजरायली हितों की रक्षा के लिए लेबनानी हवाई क्षेत्र पर उड़ान जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

हिजबुल्लाह ने हर्मीस 900 को भी मार गिराया

हिजबुल्लाह ने 6 अप्रैल को दो और इजरायली ड्रोनों को मार गिराया था। इसमें एक हर्मीस 450 और एक हर्मीस 900 शामिल था। यह घटना हिजबुल्लााह के तेजी से बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करता है। पश्चिमी देशों के सैन्य विशेषज्ञों ने हर्मीस 450 की प्रभावशीलता की प्रशंसा की है। वहीं, हर्मीस 900 उससे भी कहीं अडवांस ड्रोन है। हर्मीस 900 की अनुमानित कीमत 30 मिलियन डॉलर है। इसे इजरायली शस्त्रागार में शामिल प्रमुख मानव रहित विमानों में से एक माना जाता है। इजरायल हर्मीस ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करता है। गाजा में सैन्य ऑपरेशन के दौरान इजरायली सेना हर्मीस ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।

हर्मीस 450 ड्रोन कितना शक्तिशाली

इजरायली हर्मीस 450 ड्रोन को जिक के नाम से भी जाना जाता है। यह एल्बिट सिस्टम्स द्वारा विकसित एक मानव रहित हवाई वाहन है। इसका प्राथमिक डिजाइन लंबे समय तक चलने वाले और सामरिक मिशनों के लिए है, जो वास्तविक समय की खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही [आईएसआर] क्षमताओं से लैस है। 6.1 मीटर की लंबाई और 10.5 मीटर के पंखों के फैलाव के साथ हर्मीस 450 अपने महत्वपूर्ण आयामों के कारण अलग दिखता है। इसके अधिकतम टेकऑफ़ वजन 450 किलोग्राम में 150 किलोग्राम का पेलोड शामिल है।

हर्मीस ड्रोन की रेंज कितनी है

हर्मीस ड्रोन एक सिंगल रोटरी इंजन द्वारा संचालित होता है जो इसे 130 नॉट की अधिकतम गति तक पहुंचने की अनुमति देता है। इसकी सर्विस सीलिंग लगभग 18,000 फीट है, और यह 20 घंटे तक हवा में रह सकता है, जिससे लगभग 300 किलोमीटर की परिचालन सीमा मिलती है। हर्मीस 450 विभिन्न प्रकार के निगरानी उपकरणों से सुसज्जित है। इसमें आम तौर पर एक मल्टी-सेंसर पेलोड होता है जिसमें दिन और रात के कैमरे, इन्फ्रारेड सेंसर, लेजर डिज़ाइनर और सिंथेटिक एपर्चर रडार [एसएआर] शामिल होते हैं। यह इसे सीमा पर गश्त से लेकर क्षति के आकलन तक कई तरह के मिशन करने की अनुमति देता है।

भारत में बनते हैं इजरायली हर्मीस ड्रोन

भारत ने इजरायल से हर्मीस ड्रोन खरीदने की तैयारी की है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि भारत इसकी कितनी यूनिट को खरीदेगा। हर्मीस 450 के एक अलग वेरिएंट हर्मीस 900 की मैन्यूफैक्चरिंग ज्वाइंट प्रोडक्शन वेंचर के जरिए भारत में होती है। भारत के अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और इजरायल के एल्बिट सिस्टम्स ने एल्बिट 900 ड्रोन के निर्माण के लिए एक ज्वाइंट वेंचर बनाया हुआ है। फरवरी में शेफर्ड मीडिया ने बताया था कि अडानी-एलबिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड के ज्वाइंट प्रोडक्शन के जरिए भारत में बने 20 हर्मीस 900 ड्रोन को इजरायल को डिलीवर किया गया है।

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