भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

भोपाल प्रशासन ने 12 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाकर जिस जमीन पर कब्जा दिलाया था, उस पर हाईकोर्ट का स्टे

  • हाईकोर्ट के आदेश से राजदेव कॉलोनी की 6.51 एकड़ क्षेत्र प्रभावित

भोपाल। राजधानी भोपाल में दो महीने पहले प्रशासन ने 12 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाकर जिस विवादित जमीन पर कब्जा दिलाया था। उस पर मप्र हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गुरूवार को पुराने भोपाल में बैरसिया रोड की 6.51 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं। इसकी जद़ में सैकड़ों परिवारों की निजी मालिकाना हक की सम्पत्तियों समेत राजदेव कॉलोनी में आरएसएस के केशव निडम भवन और उसके सामने विवादित लगभग 30 हजार वर्गफिट भूमि समेत आसपास के रिहायशी इलाके प्रभावित हुए हैं। इसी मामले से जुड़े केस में आज मध्यप्रदेश वक्फ ट्रिब्यूनल में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी दी गई। इस दौरान सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती ट्रिब्यूनल पर रहीं और किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। इसी तरह विवादित स्थल पर भी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनाती के साथ बेरिकेट्स लगाए गए हैं। हाईकोर्ट में जस्टिस फहीम अनवर ने गुरूवार सुनवाई के दौरान यथास्थिती के आदेश प्रदान किए। मामला अब दो सप्ताह बाद फिर से सुना जाएगा। फिलहाल हाईकोर्ट की वेबसाइट पर सुनवाई के लिए अगली तिथी अस्थाई तौर पर 5 मार्च होना दर्शाई जा रही है। दावे में 6.51 एकड़ ज़मीन विवादित है । इसलिए हाईकोर्ट के यथास्थिति के आदेश तकनीकी तौर पर पूरी 6.51 एकड़ पर प्रभावी माना जा रहा है । यथास्थिति में कोई भी निर्माण, सम्पत्ति की खऱीद-फऱोख़्त, स्वरूप परिवर्तन और हस्तांतरण नहीं हो सकेगा। जैसी स्थिति है वैसी ही बनी रहेगी।

किस खसरे में कितनी जमीन
मामले में क्षेत्र की खसरा नं. 268 में 2.88 एकड़, नं. 338 में 0.55 एकड़, नं. 339 में 2.07 एकड़, 340 में 0.42 एकड़ और 341 में 0.59 एकड़ , इस प्रकार कुल 6.51 एकड़ जमीन को कब्रिस्तान की वक्फ सम्पत्ति होने का दावा किया गया है।

क्या है मामला
पुराने भोपाल के काज़ी कैंप के मो. सुलेमान और मो. इमरान ने साल 2015 में वक्फ ट्रिब्यूनल में विशंभरदास राजदेव, अमृतपाल सिंह, श्याम नागरानी, मप्र. वक्फ बोर्ड, मुतावल्ली कमेटी औकाफे अम्मा, नगर निगम, टीएंडसीपी और शासन के खिलाफ केस लगाकर दावा किया है कि पुराने भोपाल क्षेत्र में कब्रिस्तान की 6.51 एकड़ जमीन को प्लाट काटकर बेचा गया है। आरोप है कि शासकीय स्तर पर मिलीभगत से जमीन का स्वरुप बदलकर वहां अब रिहायशी कॉलोनी बसा दी गई है। यह वक्फ सम्पत्ति है। इस पर वापस कब्रिस्तान की स्थिती बहाल करने के लिए कोर्ट वहां बने भवनों, मकानों और निर्माण को अतिक्रमण मानकर तोडऩे के आदेश जारी करे और वहां की सेल डीड को शून्य घोषित करे।

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