आचंलिक

2 बजे बंद मिला हाईस्कूल, न मिले शिक्षक न मिले बच्चे

  • दो बजें बंद मिला हाईस्कूल इमलानी , न मिले शिक्षक न मिले बच्चे
  • विद्यालय में डला था ताला बच्चो की शिक्षा के साथ हो रहा खिलवाड – सरपंच इमलानी
  • बीईओ कर रहे है शिक्षको की लापरवाही पर पर्दा डालने का प्रयास

सिरोंज। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने में कोई कसर नही छोड रहें सरकार का प्रयास रहता है कि बच्चो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकें इसके लेकर प्रदेश में मध्यान्ह भोजन, गणवेश वितरण, साईकिल वितरण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओ का भी संचालन किया जा रहा है जिससे कि बच्चो को अच्छी शिक्षा प्राप्त छात्र आगे बड सकें लेकिन यह सब तभी संभव होंगा जब स्कूल समय पर रोज खुलेगेऔर शिक्षक रोज समय पर स्कूल पहुंचेगे लेकिन धरातलीय हकीकत बताती है कि आज भी कई सारे ग्रामीण अंचलीय विद्यालय कभी कभी खुलते नही है और कई जगह शिक्षको के द्वारा औपचारिकता पूरी कर दी जाती है, वही इसको लेकर जब ग्रामीणो के द्वारा शिकायत की जाती है तो विभागीय अधिकारियो के द्वारा जांच के नाम पर खानापूर्ति करके रफा दफा कर दिया जाता है इस कारण शिक्षको के हौंसले दिन ब दिन बुलंद जा रहे है ।

इमलानी संकुल केन्द्र एवं माध्यमिक शाला लिदोडा दोपहर में मिला बंद
वहीं देखने में आया है कि इमलानी हाईस्कूल जो कि संकुल केन्द्र भी है वह शनिवार को दोपहर में विद्यालय में ताला डाला हुआ था वहां न तो बच्चे और ना ही कोई शिक्षक जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणो से इस विषय पर बात की गई तो उन्होने बताया कि आज विद्यालय खुला तो था लेकिन शिक्षक विद्यालय को दोपहर में ही बंद करके चले गए ऐसा पहली बार नही हो रहा पहले कई बार ऐसा हो चुका है हमारे गॉव के बच्चो की पडाई सही नही हो पा रही है एवं शिक्षक आते भी है तो सामूहिक रूप से बैठे रहते है एवं बच्चे खेलते रहते है । जब बंद विद्यालय के बाहर खेल रहे छात्रो से बात की गई तो उन्होने बताया कि शिक्षक रोज नही आते है जब स्कूल के प्राचार्य के बारे में पूछा गया तो उन्होने बताया कि वह भी कभी कभी नही आते है 2-4 दिन आते है फिर नही आते है , वही जब इसी संकुल के अंतर्गत आने वाली माध्यमिक शाला लिदोडा का निरीक्षण किया गया तो वह भी दोपहर के समय बंद पाई गई ।


शौचालय में पसरी हुई गंदगी
इमलानी हाईस्कूल कहने को तो संकुल है लेकिन यहां बने हुऐ शौचालयो में टूटे फूटे गेट लगे हुये है और यहां पसरी ड्डहुई गंदगी को देखकर ऐसा लगता है कि वर्षो से सफाई नही की गई इस विद्यालय में छात्र व छात्रायें दोनो ही अध्ययन करते है वह कैसे ऐसी गंदे पडे शौचालय में शौच के लिये जाते होंगे । वैसे ही सरकार के द्वारा घर घर शौचालय बनाने का काम किया जा रहा है लेकिन यहंा शासन के द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान पर किस कद्र पानी फेरा जा रहा है, और विभागीय अधिकारी इन सबसे कैसे अंजान रह सकते है इन सबको देखकर ऐसा लगता है इन सब में या तो उनकी मौन स्वीकृति है या फिर किसी अन्य कारण से कोई कार्यवाही नही करना चाहते है ।

जिला शिक्षाअधिकारी ने कार्यवाही के लिये दिखाई तत्परता
जब स्कूल बंद होने की सूचना फोन के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी जीपी राठी जी को दी गई तो उन्होने तुरंत विकासखंड शिक्षा अधिकारी को मौके पर जांच के लिये भेजा वही विकासखंड शिक्षा अधिकारी के मौके पर पहुंचने के पहले संबधित शिक्षको को किसी माध्यम से बीईओ के आने की सूचना मिली तब वह कार्यवाही से बचने के डर से उनके पहुंचने के पहले विद्यालय पहुंच गयें । एवं बंद विद्यालय को खोल लिया गया।

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