उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

कोरोना की चपेट में आए लोगों के फेफड़े कमजोर हुए, अक्सर दर्द रहता है सीने में

उज्जैन। ठंड का प्रकोप बढ़ते ही लोग अब बीमार पडऩे लगे हैं। वहीं ठंड के चलते दो साल से कोविड से परेशान लोगों की परेशानी एक बार फिर बढऩे लगी है। सर्दी में जहां हार्ट के साथ अटैक की समस्याएं तेजी से सामने आई है। वहीं अब पोस्ट कोविड के मरीजों में भी फेफड़ों में इन्फेक्शन के मामले सामने आ रहे हैं। यह बात सही है कि अभी ऐसे मरीजों की संख्या काफी ज्यादा नहीं है। लेकिन जिन मरीजों को दूसरी लहर में सबसे ज्यादा संकट आया था। जो अस्पतालों में कई दिनों तक रहने के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। ऐसे मरीजों को ज्यादा परेशानी आ रही है। हालात यह हो गए हैं कि हर दिन कोविड से परेशान मरीजों को फेफड़ों की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इस तरह से हर दिन 15 से 20 फीसदी तक मरीज डॉक्टरों के यहां पहुंच रहे हैं। डॉ. विजय मरमट का कहना है कि मौसम काफी ठंडा होने से समस्या तेजी से बढ़ी है। ऐसे में जिनको कोविड के समय काफी समस्या आई थी ऐसे लोग 20 फीसदी तक मरीज बढ़े हैं। ऐसे मरीजों को सांस की नली में परेशानी ज्यादा आ रही है। मरीजों को अपना बचाव करना काफी जरूरी है।


फेफड़ों पर ज्यादा हो रहा असर
डॉ. विजय मरमट, चेस्ट रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोविड वाले जिन मरीजों को फेफड़ों में निमोनिया हुआ था। उनके फेफड़े कमजोर हो गए थे। इस समय उनको एलर्जी की समस्या जैसे सांस लेने के साथ दोबारा निमोनिया हो रहा है। ऐसे मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कोविड काल में जिन लोगों को निमोनिया या टीवी की समस्या आई थी। ऐसे लोग इस सीजन में ज्यादा सामने आ रहे हैं। ऐसे मरीजों के फेफड़े कमजोर हुए हैं। सांस की नली में सूजन और खांसी के चलते काफी दर्द होता है। इसका असर फेफड़ों पर पड़ता है। इसके साथ अब बुजुर्गों को भी परेशानी आ रही है।

कोविड जैसी नहीं आएगी परेशानी
कोरोना के समय जैसी लोगों में दिक्कतें आई थीं। वैसी इस समय कोई परेशानी नहीं आएगी। पांच से दस दिन में लोग दवाएं लेने से ठीक हो जाएंगे। इसके लिए सावधानी रखने की काफी जरूरत है। डॉक्टरों का कहना है कि इसमें लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉ. रोहित शुक्ला, चेस्ट रोग विशेषज्ञ, सहायक प्राध्यापक जीआरएमसी का कहना है कि कोविड के समय जिनको संक्रमण हुआ था ऐसे मरीज अभी ज्यादा आ रहे हैं। कुछ लोग जो दूसरी लहर में संक्रमित हुए थे। वह इन दिनों दवाओं से ठीक हो रहे हैं। पहले अस्थमा या टीवी से पीडि़त मरीजों में भी इस मौसम में जल्द ही संक्रमण के शिकार हो रहे हैं।

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