डेस्क: हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली (Holi) का पर्व मनाया जाता है. इससे 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. होलाष्टक (Holashtak) के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है. होली से पहले के इन 8 दिनों को अशुभ माना गया है. मान्यता है कि इन 8 दिनों में हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को जान से मारने के इरादे से काफी यातनाएं दी थीं.
लेकिन प्रहलाद लगातार नारायण का नाम जपता रहा. इसके कारण हिरण्यकश्यप प्रहलाद का कुछ बिगाड़ न सका. पूर्णिमा के दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका (Holika) प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठी. होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था. लेकिन वरदान के दुरुपयोग के कारण वो स्वयं जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद सुरक्षित रहा.
इस तरह इन दिनों में प्रहलाद की भक्ति की जीत हुई, इसलिए होलाष्टक के 8 दिनों में नारायण या अपने इष्ट देव की भक्ति करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसके अलावा जप, तप, स्नान और ध्यान करना शुभ माना जाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है, इसके बाद होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. 10 मार्च गुरुवार से होलाष्टक लग रहे हैं. ऐसे में यहां जानिए उन कामों के बारे में जो होलाष्टक के दौरान नहीं करने चाहिए.
होलाष्टक के दौरान न करें ये काम
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved