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महाराष्ट्र संकट : ठाकरे परिवार में देवेंद्र फडणवीस ने कैसे बढ़ाया अपना कद, जानिए

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस्तीफा दे दिया है। ठाकरे ने बुधवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) से मिलकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। उद्धव ठाकरे Uddhav Thackeray)  ने सभी मंत्री समूह का इस्तीफा भी राज्यपाल को सौंप दिया है। अब कयास लगाए जा रहे हैं देर शाम तक या फिर एक जुलाई को एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

आपको बता दें कि पिछले एक सप्‍ताह से चल रहे महाराष्‍ट्र राजनीतिक संकट के बीच राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे सहित उनके मंत्री समूह का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इस तरह पिछले ढाई साल से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही आघाड़ी सरकार का पतन हो गया है। अब माना जा रहा है कि इसका पूरा श्रेय देवेंद्र फडणवीस को जाता है क्‍योंकि जिस तरह उन्‍होंने ठाकरे परिवार में अपनी जगह बनाई है सभी को पता है।



ठाकरे ने ढाई साल तक सहयोग देने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार तथा अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि कल से राज्य में नई लोकशाही का जन्म होगा और अब वे शिवसेना भवन में बैठकर संगठन को मजबूती देने का काम करेंगे। माना जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से धुरी बनकर लौट आए हैं।

…मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा’. 1 दिसंबर 2019 को महाराष्ट्र विधानसभा में देवेंद्र फडणवीस ने जब ये बयान दिया था तो उन्होंने संकेत दे दिए थे कि खेल खत्म नहीं हुआ है और वे वापस आएंगे।

विदित हो कि नवंबर 2019 में जब फडणवीस ने रात के अंधेरे में सीएम पद की शपथ ली थी तो एनसीपी के साथ जोड़-तोड़ कर बनाई गई उनकी ये सरकार इस युवा बीजेपी नेता के लिए शर्मिंदगी का सबब लेकर आई।

लेकिन एक बार फिर महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट को देखते हुए मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर आघाड़ी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए विशेष अधिवेशन बुलाए जाने की मांग की थी। इसके बाद बुधवार सुबह राज्यपाल कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे तथा महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय को पत्र लिखकर गुरुवार को विशेष अधिवेशन बुलाए जाने का आदेश दिया था। राज्यपाल के इस आदेश को शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के निर्णय पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उद्धव ठाकरे ने राज्य की जनता को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं, उन्हें किसके पास कितनी संख्या है, यह देखने में रुचि नहीं है। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद तथा विधानपरिषद के सदस्य पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।

इसके बाद उद्धव ठाकरे मातोश्री से राजभवन के लिए रवाना हुए और राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री सहित महाविकास आघाड़ी सरकार के सभी मंत्री समूह का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 23 जून को ही अपना शासकीय आवास वर्षा बंगला खाली कर चुके हैं।

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