नई दिल्ली । देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए हैं। इन 75 साल में भारत (India) ने पूरी दुनिया में खूब नाम कमाया। कई उपलब्धियां भारत के नाम दर्ज हुईं। विकास के मामले में भी भारत काफी आगे बढ़ गया। आज दुनिया में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था (Economy) भारत की है।
आजादी के साथ अंग्रेज हमारा बंटवारा भी कर गए। इसके बाद कई युद्ध, आतंकी हमले(Terrorist attacks), सूखा, आपातकाल से लेकर कोरोना महामारी(corona pandemic) तक, कई तरह की कठिनाइयों का देश ने सामना किया, लेकिन आज भी भारत मजबूती से आगे बढ़ रहा है। पूरी दुनिया पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन ब्लूमबर्ग समेत दुनिया कई कई रिसर्च रिपोर्ट ने कहा कि भारत में मंदी से सुरक्षित है।
ऐसे में हम आज आपको बताएंगे कि इन 75 साल ने आपकी जिंदगी में क्या-क्या बदलाव किए? आपके खाने की थाली में क्या बदला? आपके दफ्तर में क्या बदलाव हुआ? एंटरटेनमेंट के तरीके में क्या परिवर्तन आया? आइए जानते हैं…
पहले जानते हैं भारत की अर्थव्यवस्था कहां तक पहुंची?
1947 में जब भारत आजाद हुआ था, तब देश की जीडीपी 2.7 लाख करोड़ रुपये थी और ये दुनिया की जीडीपी के तीन फीसदी से भी कम थी। आज देश की जीडीपी 55 गुना बढ़कर 150 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। दुनियाभर की जीडीपी में भारत का हिस्सा 10 फीसदी से भी ज्यादा है। इन 75 साल में सिर्फ तीन मौके ऐसे आए, जब भारत की जीडीपी बढ़ने की बजाय घटी हो। पहली बार 1965 में। तब भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच युद्ध हुआ था। दूसरी बार 1979 और तीसरी बार 2020 कोरोना महामारी के दौरान।
अगर 1960 से 2021 तक के जीडीपी ग्रोथ पर नजर डालें तो 1966 से पहले औसतन चार फीसदी की रफ्तार से जीडीपी बढ़ती थी। 2015 के बाद से अब लगातार छह फीसदी से ज्यादा जीडीपी की ग्रोथ रेट रही है।
ऐसे अर्थव्यवस्था में होता रहा बदलाव
1947 से 1980 तक देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ नौ फीसदी से लेकर -5 फीसदी तक रही। यानी कई बार इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिले।
1981 से 1991 के बीच एक बार तो ग्रोथ रेट शून्य से भी नीचे पहुंच गई। अधिकतम ग्रोथ नौ फीसदी तक दर्ज हुई।
1992 से 2019 तक अर्थव्यवस्था का विकास दर चार से आठ फीसदी तक बनी रही। इस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर हुई और मजबूत भी।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हम कहां तक पहुंचे?
1950-51 में भारत ने 1.27 अरब डॉलर का आयात किया और 1.26 अरब डॉलर का निर्यात किया।
1975-76 में 6.08 अरब डॉलर का आयात और 4.66 अरब डॉलर का निर्यात किया।
1990-91 में 24 अरब डॉलर का आयात किया और 18 अरब डॉलर का निर्यात किया।
2002-03 में 50 अरब डॉलर का आयात और 44 अरब डॉलर का निर्यात किया।
2021-22 में भारत ने कुल 670 अरब डॉलर का आयात किया, वहीं, 756 अरब डॉलर का निर्यात किया।
महंगाई में आया जमीन-आसमान का अंतर
आजादी से लेकर अब तक जहां, एक ओर देश ने खूब विकास किया वहीं महंगाई भी चरम सीमा पर पहुंच गई। खाने-पीने की चीजों से लेकर सोना, पेट्रोल-डीजल और साइकिल तक सबकुछ महंगा हो गया। आइए जानते हैं रोजमर्रा की चीजों में कितना बदलाव हुआ?
वस्तु/पदार्थ | 1947 में कितना दाम था? | अब क्या रेट है? |
सोना (गोल्ड) | 88.62 रुपये (10 ग्राम) | 52 हजार रुपये (10 ग्राम) |
पेट्रोल (एक लीटर) | 27 पैसे | 97 रुपये |
चावल (प्रति किलो) | 12 पैसे | 40 रुपये |
चीनी (प्रति किलो) | 40 पैसे | 42 रुपये |
आलू (प्रति किलो) | 25 पैसे | 25 रुपये |
दूध (एक लीटर) | 12 पैसे | 60 रुपये |
साइकिल | 20 रुपये | 8000 रुपये |
गरीबों की संख्या भी कम हो गई
आजादी के वक्त देश की 70 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे थी। आजादी के बाद इसमें काफी बदलाव हुआ। 1977 तक ये संख्या घटकर 63%, 1991 तक 50% जनसंख्या गरीब थी। 2011 के आंकड़ों के अनुसार देश में फिलहाल 22.5 प्रतिशत लोग गरीबी में रह रहे हैं। हालांकि 2011 से लेकर अब तक इनकी संख्या में और कमी आई होगी।