ब्‍लॉगर

“नहीं” को हाँ  कैसे कहें?

नहीं एक छोटा शब्द है, परंतु बहुत ही शक्तिशाली और अपने आप मैं संपूर्ण वाक्य है। जब हम बच्चे होते हैं, तो हम उन चीजों को ना कहना जानते हैं जिन्हें हम पसंद नहीं करते हैं या करने का इरादा नहीं रखते हैं। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमें सिखाया जाता है कि ना कहने की परंपरा नकारात्मक है। हमको ये सिखया जाता है की अच्छे बच्चे ना नहीं कहते। और हम भी अच्छे बनने की होद का हिसा बन जाते हैं। ये बात हमारे दिल और अवचेतन (Subconscious Mind) में घर कर लेती है और धीरे-धीरे हम हां कहने के आदि हो जाते हैं।

हर चीज को हां कहने की प्रक्रिया एक मजबूत परंपरा (Strong Convention or mindset) का निर्माण करती है जो बाद में हम पर एक सीमित विश्वास (Limiting Belief) के रूप में काम करती है और प्रतिरोध (Resistance)  पैदा करती है। हम उन घटनाओं के लिए हाँ कहते हैं जिनमें हम शामिल नहीं होना चाहते हैं, परंतु हां कहते हैं क्योंकि अब हम न कहने से डरते (Fears) हैं। ना कहने का तनाव अक्सर हमें लोगों को हां कहने पर मजबूर कर देता है। जब हम प्रतिरोध के साथ हां कहते हैं, तो हम शिकायत (Complaining Attitude) करते हैं या खुद को दोष (Blaming Attitude) देते हैं, “मैं सिर्फ ना क्यों नहीं कह सकती?”

इस मनोस्थिती का श्रेय हमारे माता-पिता को भी जाता है। अक्सर हम देखते हैं की हमारे माता-पिता हमको हां कहने पर इनाम देते हैं और ना कहने पर डांट मिलती है। और डांट के डर से और इनाम के लालाच मैं हम हर चीज को हां कहते हैं।

लेकिन ना कहने की जरूरत क्यों है?

क्यों की हर चीज को हां कहना से हम पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव होते हैं। इन्हें मैं केहती हूं “PSYCHOLOGICAL FOOTPRINT” जो हमारे विल-पावर को कमजोर करते हैं और गहरी छाप छोड जाते हैं। अक्सर महिलाएं मुझसे यह कहती हैं कि उन्होंने अपनी पहचान खो दी है (Identity Crisis), कि वे अपने पुराने संस्करणों (Lost previous self) से खुद को नहीं पहचानती हैं। उनका आत्म-विश्वास (Self-Confidence) और आत्म-सम्मान (Self-Esteem) कम हो गया है। और ये सब इस्लिये हुआ है क्योंकि हम अब हर चीज को हां कहते हैं और अपने अपको drain out महसूस करते हैं।

जब हम सबको खुश रखने की कोशिश करते हैं तब हम अपनी सीमा के बाहर जा कर भी काम करते हैं। इस से हमारी कॉस्मिक एनर्जी (Cosmic Energy)  डाउन होना शुरू होती है। लॉन्ग रन मैं अपने आप को ठगा सा महसुस करते हैं, क्यों की जिन्को खुश करने के लिए हमने इतना किया वे खुश हैं नहीं और इस प्रक्रिया मैं अब हम भी खुश नहीं हैं। इस से रिश्ते खराब होने लगते हैं और stress और बढ़ जाता है।

कृपया समझें कि ना कहना स्वस्थ और सकारात्मक है। यह आपकी कॉस्मिक एनर्जी को बचाने में आपकी मदद करेगा और आपके आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास और इच्छा-शक्ति को मजबूत करेगा।

ना कहने का तरीका सीखने की रणनीतियाँ – (Strategies)

Step 1 – समय से पहले ना कहने की योजना बनाएं।

सालों तक लोगों को खुश रखने के कारण महिलाओं को ना कहने में दिक्कत होती है। इसलिए यदि आपको ना कहना है, लेकिन निराशा का सामना करने के डर से वास्तविक समय में उत्तर देने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, तो आप इसे विलंबित (Delay) करने के विचार को लागू कर सकते हैं – आप व्यस्त हैं, लोगों से आपको संदेश भेजने या ईमेल करने के लिए कहें और उनको बता दें की आप अपना डेली शेड्यूल चेक कर के वापस जवाब देंगे। विलंबित (Delay) रिवर्ट के माध्यम से एक विनम्र NO भेजने का यह आसान तरीका है।

Step 2 – स्पष्टीकरण की पेशकश न करें।

यह मनोवैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि जब आप एक स्पष्टीकरण प्रदान करते हैं तो जो आपके सामने व्यक्ति है वो आप पर विश्वास नहीं करते और सोचते हैं कि आप उनको तालने की कोषिश कर रहे हैं। और उनका दिमाग उनके अनुरोधों को समायोजित (Restructure) करने पर काम करता है ताकि आप उन्हें ना नहीं कह सकें। आप सिंपल तारीके से न कहें और आप सिंपल तारीके से ना कहे और  उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रदान करें कि उन्होंने सोचा कि आप पूछने के योग्य हैं । लेकिन आप उनके अनुरोध से सहमत नहीं हो सकते हैं, और सिंपल ना केह के आप उन्को आप से बहस करने से रोक सकते हैं।

Step 3 – विकल्प दें।

व्यक्तिगत संबंधों में, स्पष्ट रूप से NO कहना मुश्किल हो जाता है। उस स्थिति में अपने NO के प्रभाव को कम करने के लिए विकल्प प्रदान करें। यह उनकी जरूरतों को पूरा करता है जबकि आप दोषी महसूस किए बिना अपनी ऊर्जा बचा सकते हैं।

मैं आशा करती हूं की आपको इस लेख से थोड़ी स्पष्टता आई होगी। और आप अपने आप को ना कहने की Guilt से बचा पाएंगे।

Don’t Say Maybe When you want to say NO – Ryan Holiday

But I Say,

Don’t Say Yes when you want to say NO. Save yourself and your energies from going negative in the angst of becoming a people pleaser – Richa Chaturvedi

 

ऋचा चतुर्वेदी

महिला सशक्तिकरण रणनीतिकार और कोच हैं जिन्का उद्देश्य महिलाओं को व्यक्तिगत, भावनात्मक और आर्थिक रूप से विकास और सफलता के मार्ग को खोलने की दिशा में सशक्त बनाना है।

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