हरयाणा। गुरुग्राम के चिनटेल्स पैराडाइसो सोसायटी में गुरुवार को हुए हादसे में मौत का शिकार हुई डी टावर की रहने वाली एकता भारद्वाज (31) के पति राजेश भारद्वाज घटना वाले दिन सुबह अपनी पत्नी से मिलकर ऑफिस गए थे। उस वक्त उन्हें अंदाजा नहीं था कि वह अपनी पत्नी से आखिरी बार मिल रहे हैं। घटना के समय वह ऑफिस से वापस लौट रहे थे। राजेश भारद्वाज ने बताया कि उनका अपना बिजनेस है। उनकी पत्नी भी उनके कारोबार में एसोसिएट थीं।
गुरुवार को ऑफिस जाने से पहले बेहद खुशनुमा माहौल में पत्नी ने विदा किया। साथ ही घर के लिए कुछ सामान आदि लाने के संबंध में बातचीत की। उस वक्त बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वह आखिरी बार पत्नी को देख रहे है। शाम को जब वह आफिस से लौट रहे थे तो उनके बेटे का फोन आया कि मम्मी के ऊपर घर की छत गिर गई है और वह बुरी तरह जख्मी हो गईं हैं।
यह सुनकर वह बेहद परेशान हो गए। जब घर पहुंचे तो मलबे को हटाने का काम शुरू हो चुका था। मलबे में से जब एकता को निकाला गया तो सबसे पहले अस्पताल लेकर गए। यहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। राजेश भारद्वाज ने बताया कि सोसायटी की इमारतों के खराब निर्माण के संबंध में उन्होंने तो कोई शिकायत नहीं की है। लेकिन सोसायटी के अन्य लोगों ने जरूर समय समय पर शिकायतें की हैं। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से जो रिपोर्ट दर्ज कराई है उसमें भी बिल्डर के द्वारा किए गए घटिया निर्माण और लापरवाही का जिक्र किया है।
एकता ने मेडिटेशन सिखाने का किया था वादा
चिनटेल्स पैराडाइसो सोसायटी के एक टावर में किराए के फ्लैट में संगीता सिंघल रहती थीं। उनकी कुछ दिन पहले ही डी टावर निवासी एकता भारद्वाज से मुलाकात हुई थी। उन्होंने बताया कि वह मेडिटेशन करवाती थीं और बहुत ही शांत स्वभाव की थीं। वह कहती हैं कि उन्होंने मुझे मेडिटेशन कराने को कहा था। मूलरूप से मेरठ के शास्त्री नगर निवासी संगीता सेक्टर 109 स्थित इसी सोसायटी में रहती हैं। उन्होंने डी टावर में ही आठवें फ्लोर पर करीब ढाई करोड़ रुपये में फ्लैट खरीदा था। सात फरवरी को गृह प्रवेश करने के बाद वह गुरुवार को सामान शिफ्ट कर रही थीं।
संगीता ने बताया कि उनकी एकता भारद्वाज से मुलाकात हुई थी। उनसे मेडिटेशन के लिए टिप्स भी लिए थे। कोरोना के चलते मेडिटेशन ऑनलाइन चल रहा था। लेकिन वह यहां आई भी नहीं और एकता साथ छोड़कर चली गईं। यह बताते हुए संगीता भावुक हो गईं। सोसायटी की अन्य महिलाएं भी उनके अच्छे स्वभाव की चर्चा करती रहीं।
दूसरे टावर के फ्लैटों में गुजारी रात
हादसे के बाद डी टावर को बंद कर दिया गया है। ऊपर के फ्लैट में रहने वाले लोग भी अपने फ्लैट में नहीं जा सके। सुनीता ने भी दूसरे टावर में रहने वाली महिला के यहां रात गुजारी। वहीं कुछ लोग पूरी रात बचाव कार्य के दौरान खुले आसमान के नीचे ही रहे। संगीता का कहना है कि सभी फ्लैटों का ऑडिट होना चाहिए। फ्लैट पूरी तरह से सुरक्षित हैं इसे सुनिश्चित किया जाए।