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सजदों की जगह है ईदगाह, सियासत बर्दाश्त नहीं

  • March 11, 2025

    • एक्शन कमेटी ने आंदोलन जारी वक्फ संशोधन बिल और नव गठित कमेटी के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

    जबलपुर। केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन बिल के चलते देशभर की वक्फ सम्पित्तयां चर्चाओं में है। गोहलपुर स्थित वक्फ ईदगाह भी इसी फेहरिस्त में है। एक तरफ वक्फ संशोधन बिल को लेकर मुस्लिम समाज फिक्रमंद है तो दूसरी तरफ मप्र वक्फ बोर्ड ने नई प्रबंध कमेटी गठित कर भूचाल ला दिया। हालांकि दो जनवरी को वक्फ बोर्ड द्वारा गठित कमेटी अभी भी पदभार ग्रहण नहीं कर पाई है। पुरानी प्रबंध कमेटी ने मामले को अंसार समाज पंचायत के जिम्मे सौंपा। जिसपर मोमिन ईदगाह एक्शन कमेटी गठित की गई। जिसने ईदगाह की हिफाजत के लिये आंदोलन की राह पकड़ी। नवगठित प्रबंध कमेटी के खिलाफ आंदोलनों की कड़ी में चार्ज नहीं सौंपने से लेकर ईदगाह बचाने की मुहिम के तहत समाज को जागरूक किया गया। अब एक्शन कमेटी ने वक्फ संशोधन बिल के साथ बीजेपी समर्थित नई कमेटी के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। एक्शन कमेटी की मांग है कि ईदगाह के निजाम को चलाने के लिये मप्र वक्फ बोर्ड की थोपी गई कमेटी के जरूरत नहीं। इसे बर्खास्त किया जाए।


    24 घंटे चला धरना रात में सौंपा ज्ञापन
    नए वक्फ संशोधन विधेयक और मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा नवगठित मोमिन ईदगाह वक्फ कमेटी के विरोध में मोमिन ईदगाह एक्शन कमेटी की ओर से गोहलपुर में धरना प्रदर्शन कर राष्ट्पति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। एक्शन कमेटी से जुड़े मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों और जनप्रतिनिधियों ने सरकार से इस अन्यायपूर्ण निर्णय को वापस लेने की पुरजोर मांग की। एक्शन कमेटी के मुताबिक, वक्फ संपत्तियां धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर हैं, जिनका उपयोग इस्लामिक दृष्टिकोण से केवल भलाई के कार्यों में होना चाहिए। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में कई चिंताजनक प्रावधान शामिल किए गए हैं, जैसे कि वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण का अधिकार कलेक्टर को सौंपना, गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना और सरकारी संपत्तियों को वक्फ संपत्तियों की सूची से बाहर करना। यह विधेयक न केवल धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण स्थापित करने का भी प्रयास है। इन प्रावधानों से वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, पारदर्शिता और धार्मिक स्वायत्तता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

    सियासी ताने-बाने से बुनी नई कमेटी बर्खास्त करो
    एक्शन कमेटी ने बताया कि 28 दिसंबर 2024 को मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा जबलपुर की मोमिन ईदगाह के लिए एक नई वक्फ कमेटी का गठन किया गया, जो वक्फ बायलॉज और पारदर्शी प्रक्रिया का उल्लंघन है। वर्ष 1932 में अंसार समाज के बुजुर्गों ने सीमित संसाधनों से मोमिन ईदगाह का निर्माण किया था। यह ईदगाह बुजुर्गों की दी गई एक अमानत, तहज़ीब और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। लेकिन हाल ही में गठित नई वक्फ कमेटी बायलॉज के विपरीत सियासी हस्तक्षेप के तहत बनाई गई है। जो समाज को कतई मंजूर नहीं है। सियासी ताने-बाने से बुनी गई नई प्रबंध कमेटी को बर्खास्त किया जाना चाहिए।

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