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मुरैना में खाद के लिये किसान 8-8 घंटे लाइन में, फिर भी लोट रहा है निराश 

मुरैना। रबी फसल में गेहूं की बोबनी के लिये खाद की मारामारी फिर शुरू हो गई है। मुरैना शहर के कृषि उपज मण्डी वितरण केन्द्र (Krishi Upaj Mandi Distribution Center) पर किसानों की लम्बी-लम्बी लाइनें देर रात से ही देखीं जा सकतीं हैं। इसके बावजूद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है। प्रशासन पर्याप्त खाद की बात तो कर रहा है लेकिन वितरण केन्द्रों पर 8-8 घंटे लाइन में लगने के बाद प्रतिदिन हजारों किसान खाली हाथ वापस लौट रहा है, जिससे किसानों को अपनी फसल न होने की चिंता सता रही है। मुरैना में रबी फसल के दौरान सरसों की बोबनी के लिये संघर्ष कर खाद किसानों ने ले लिया था। 15 दिन बाद ही गेहंू फसल के लिये दुबारा से किसानों को खाद के लिये मारा-मारी करनी पड़ रही है।
जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूरी तक निवास करने वाला किसान रात्रि के अंतिम पहर में खाद वितरण केन्द्र पर पहुंचकर लाइन में लग रहा है। दो से ढाई सैकड़ा किसानों को ही खाद की पर्चियां मिल पा रहीं हैं। इनमें अधिकांश ग्रामीण युवा शामिल हैं। खाद के लिये आये अधेड़-बुजुर्ग व महिलायें धक्का-मुक्की कर खाली हाथ वापस लोट रहे हैं। जिन किसानों को खाद की पर्ची व खाद मिल रहा है वह भी पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि किसान की आवश्यकतानुसार खाद नहीं मिल पा रहा है। किसान को एक साथ खेतों में डालने के लिये 4 से 10 कट्टे डीएपी यूरिया व अन्य खाद के चाहिए। प्रशासन द्वारा एक बार में दो डीएपी व दो यूरिया के कट्टे दिये जा रहे हैं। इसलिये किसान को बार-बार वितरण केन्द्रों पर लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ रहा है। मुरैना के कृषि उपज मण्डी स्थित वितरण केन्द्र पर आज दोपहर तक किसानों को खाद की पर्चियां नहीं मिली थी।


खाद के लिये लाइन में लगे क्षेत्र के अनेक किसानों ने अपनी चिंता जाहिर की कि 8 दिन के अंदर गेहूं की बोबनी नहीं हुई तो फसल होना मुश्किल होगी। किसानों की इस चिंता को दरकिनार कर प्रशासन दावा कर रहा है कि उसके पास गेहंू की फसल के लिये पर्याप्त 4 हजार मे.टन यूरिया तथा 1800 मे.टन अन्य खाद उपलब्ध है। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी नरोत्तम भार्गव ने बताया कि खाद की वितरण व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया गया है। सभी किसानों के लिये पर्याप्त खाद है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह पूर्व की भांति धीरज रखें, सरसों की बोबनी के समय उनकी चिंता का निराकरण किया गया था। इसी तरह अब गेहूं फसल के लिये भी सभी किसानों को खाद मिलेगा।
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