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जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक में कुछ वस्तुओं से जीएसटी हटाने का फैसला

-पान मसाला और गुटखा उत्पादों पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ

नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) (Goods and Services Tax (GST)) की नीति-निर्धारक इकाई जीएसटी परिषद (GST Council) की शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई 48वीं बैठक में कई अहम फैसले हुए हैं। किसी भी सामान पर टैक्स नहीं बढ़ाया (Tax not increased on any goods) गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि किसी भी सामान पर टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। जीएसटी परिषद समय की कमी के कारण तंबाकू और गुटखा पर कराधान पर चर्चा नहीं कर सकी।


बैठक के बाद राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि जीएसटी परिषद कुछ अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर सहमति जताई है। इसके साथ अभियोजन शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये कर दिया गया है। राजस्व सचिव ने बताया कि दालों की भूसी पर जीएसटी की दर 5 फीसदी से घटाकर शून्य कर दी गई है। इससे इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सहायता मिल सकती है।

बैठक में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

कैट ने गैर पंजीकृत विक्रेताओं को ई-कॉमर्स पोर्टल से बिक्री छूट का स्वागत किया
देशभर के गैर-पंजीकृत छोटे विक्रेताओं को ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से अपना माल बेचने की अनुमति देने के फैसले का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है। कैट ने जीएसटी काउंसिल के इस फैसले को एक बड़ा कदम बताया है।

कारोबारी संगठन कैट ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि जीएसटी परिषद के इस फैसले से अब छोटे व्यापारी भी ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से अपना व्यापार कर सकेंगे। कैट ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तारीफ करते हुए धन्यवाद दिया है। कैट ने कहा कि ये एक प्रगतिशील निर्णय है, जिसकी पिछले दो साल से अधिक समय से मांग की जा रही थी।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी परिषद का यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए सशक्त बनाएगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को देशभर में मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि देश में 8 करोड़ से ज्यादा छोटे व्यापारी हैं, लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं, क्योंकि उनकी सालाना बिक्री जीएसटी सीमा से बेहद कम है। ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पोर्टल पर व्यापार कर सकेंगे, जो कि एक बहुत बड़ी बात है।

खंडेलवाल ने कहा कि भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के तौर पर उभर रहा है। ऑनलाइन कारोबार में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। देश में ई-कॉमर्स कारोबार अब कुल खुदरा का करीब 10 फीसदी और वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ क्षेत्रों का लगभग 25-50 फीसदी है। इसे देखते हुए यह अत्यंत प्रासंगिक था कि छोटे वेंडर जिनका टर्नओवर कम है और जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं। इससे वे ऑनलाइन कारोबार करने में सक्षम नहीं थे, जिससे बाजार और व्यापार के अवसरों का भारी नुकसान हो रहा था। (एजेंसी, हि.स.)

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