भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

विश्वविद्यालय द्वारा किये गये पुलिस सर्वे  में जनता ने व्यक्त की भोपाल पुलिस कमिश्नरेट पर आस्था

भोपाल! जागरण लेकसिटी युनिवर्सिटी (Jagran Lakecity University) द्वारा  पुलिस की कार्यप्रणाली एवं नागरिक सुरक्षा व धारणा पर सर्वे (Survey on Civil Defense and Perception) किया गया, जिसमें इस बात पर बल दिया जाता रहा है, नागरिकों के द्वारा पुलिस का आंकलन किस प्रकार से किया जाता है। कमिश्नर प्रणाली में पुलिस कें कार्यो कें सम्बंध मे पुलिस का क्या मत है तथा जन मानस मे पुलिस की कार्यप्रणाली के सम्बंध मे क्या छवि है।
इसका आंकलन परसेप्शन सर्वे द्वारा किया गया। परसेप्शन सर्वे जनमानस के दृष्टिकोण पर आधारित होता हैं तथा यह पुलिस की कार्यपद्धति  के बारे मे एक धारणा व्यक्त करता है। इसी तारतम्य मे भोपाल पुलिस पर किये गये इस सर्वे का महत्व है क्योंकि यह स्वतंत्र सर्वे था। इसका पुलिस से सीधा प्रत्यक्ष/अपत्यक्ष कोई प्रभाव नही था।
विश्वविधालय के छात्रो द्वारा किये गये इस मेथोडॉलोजी सर्वे को प्रोफेसर संदीप शास्त्री के द्वारा किया गया। कुल मिलाकर सर्वे के परिणाम सकारात्मक थे, अधिकतर  विषयों पर पुलिस कार्यप्रणाली पर पूछे गये प्रश्नो पर 60-80% तक जनता ने सकारात्मक छवि होने का उल्लेख किया।
डायल 100 की गाड़ी का हमेशा उप्लब्ध होना, पुलिस का हमेशा दृष्टिगोचर होना। पुलिस के अनुसंधान से आम तौर पर संतुष्टि होना  कुछ सकारात्मक परिणामों के प्रतिक है, जो इस सर्वे द्वारा साबित हुआ। यदपि मिलने सर्वे मे आयु वर्ग के मान से देखा जाये तो पौढ़ तथा वरिष्ठ नागरिकों की संतुष्टि का प्रतिशत अधिक था, तथा युवाओ की संतुष्टि का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम था। सम्पूर्ण ट्रेंड सकारात्मक परिणामों की ओर था।
इसी तरह पुरूषो की अपेक्षा महिलाओं का संतुष्टि प्रतिशत कम रहा। सम्पूर्ण सर्वे मे पुलिस की छवि के सकारात्मक  परिणामों सम्बध में सर्वे मे आये पुलिस कार्य की प्रशंसा कमिश्नर प्रणाली बनाने के उपरांत स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होती है, ऐसा उल्लेख पूर्व डीजीपी श्री ऋषि कुमार शुक्ला ने अपने वक्तव्य में बताया।
दिल्ली से आये पुलिस कार्यप्रणाली विशेषज्ञ तथा पुलिस सुधार के प्रवक्ता श्री विपुल मुदगल द्वारा इस बात की प्रशंसा की गई, कि पुलिस पर होने वाले सर्वे के सम्बंध मे विश्वविद्यालय, बुद्धिजीवी तथा पुलिस एक साथ मिलकर विचार विमर्श कर रही हैं जो एक सकारात्मक प्रजातांत्रिक पुलिस कार्यप्रणाली का परिचायक है। उन्होने अपेक्षा की कि सर्वे मे आये तथ्यों के आधार पर पुलिस अपना सुधार निरंतर जारी रखेगी  उन्होँने सर्वे किये जाने की प्रक्रिया को ही सुधार का प्रथम कदम माना।
सर्वे कार्यप्रणाली के सम्बंध में प्रोफेसर संदीप शास्त्री जो विश्व विद्यालय के वाइस चांसलर है तथा सर्वे के विशेषज्ञ भी रहे हैं, उन्होँने सम्पूर्ण सर्वे की कार्यवाई मे छात्रों द्वारा निष्पक्ष रूप से तथा प्रतिबद्धता से किये गये सर्वे को पुलिस तथा पुलिस कार्य मे शोध के महत्व को परिचायक माना तथा अपेक्षा की, कि पुलिस विभाग इसे पुलिस सर्वे के द्वितीय चरण में पुलिस से पूछी जाने वाली जानकारी को बारीकी से आत्मसाध कर सुधार करेगा।
 श्री मकरंद देउस्कर, पुलिस आयुक्त भोपाल द्वारा सर्वे उपरांत हुए पेनल विचार विमर्श में सर्वे से प्राप्त सकारात्मक परिणामों के सम्बंध मे संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि भोपाल पुलिस कमिश्नरेट द्वारा किये गये निरंतर प्रयासों का सुपरिणाम इस प्रथम सर्वे से हुआ है, परंतु पुलिस की प्रभावशीलता को कमजोर वर्गों, महिलाओं तथा उपेक्षित वर्गों के लिये और गहरी होनी चाहिए। इसकी गुंजाइश अभी है यह सर्वे से स्पष्ट है तथा इस ओर भोपाल पुलिस विशेष प्रयास करेगी।

कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती अनुराधा शंकर द्वारा यह स्पष्ट किये गया कि सर्वे की कई सूचीकांको में महिलाओं का प्रतिशत कम होना, अथवा ट्रेफिक नियमों का प्रभावी रूप से पालन न होना, जो सर्वे की रिपोर्ट में आया है, वो उस सामाजिक परिस्थति को भी परिलक्षित करता है, जिस परिपेक्ष्य मे पुलिस समाज के भीतर रहते हुए विभिन्न प्रकार की समाजिक परिस्थितियों व विषमताओं का सामना करते हुए कानून का पालन कराने की चेष्टा करती है, जिसमे वो कभी-कभी सफल होती है एवं कभी-कभी प्रभावी नही हो पाती, जिसका स्पष्ट उल्लेख सर्वे के परिणामों से हुआ है, उन्होँने आशा व्यक्त की कि सर्व प्रथम भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के द्वारा सर्वे को गम्भीरता से लिये जाने का जो अनुक्रम इस सर्वे रिपोर्ट के कार्यक्रम से परिलक्षित होता है, वह यह बताता है कि पुलिस जनोन्मुखी कार्यप्रणाली में समर्पित होकर कार्य कर रही हैं तथा भविष्य में सामाजिक उत्तरदायित्व का पालन करेगी। यह आस्था  भोपाल की जनता ने बड़ी उदारता से इस सर्वे के माध्यम से परिलक्षित की है।
 इस अवसर पर श्री हरि मोहन गुप्ता, अभिषेक मोहन गुप्ता, प्रो-चांसलर, प्रो.  -जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी से चांसलर, प्रो. डॉ. वी. विजयकुमार, कुलपति, एनएलआईयू, भोपाल, आशीष, डीआईजी इंटेलिजेंस, संस्थान के अध्यक्ष रामचंद्रन, अवंती दुरानी, ​​​​सहायक निदेशक (Artha) एवं संचालन विनीत कपूर, डीसीपी, मुख्यालय,  डॉ. अपूर्व दीक्षित, सहायक प्रोफेसर जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, इत्यादि मौजूद रहे।
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