उज्जैन। जिले की तराना तहसील के ग्राम सामटिया खेड़ी के ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का मन बना लिया है। यहां ग्रामीणों का कहना है कि हमें सरपंच नहीं चाहिए, क्योंकि पंचायत से किसी योजना का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंचता। गांव में गरीबों के कच्चे मकान हैं, जमींदारों को आवास योजना का दोहरा लाभ दे दिया गया। तहसील माकड़ोन की ग्राम चंदनियाखेड़ी के गांव सामटियाखेड़ी के ग्रामीणों ने शनिवार को जिला पंचायत पहुंचकर प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिलने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने बताया कि 19 पात्र परिवारों के नाम आवास योजना से हटा दिए गए क्योंकि उन्होंने रिश्वत देने से मना कर दिया था। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि अपात्र लोगों को आवास योजना का लाभ दिया जिनके पास ट्रैक्टर है पक्के मकान है उन्हें दोहरा लाभ दे दिया। ग्रामीणों ने जिला पंचायत पहुंचकर मामले में शिकायत की और सर्वे कर जांच करवाने की मांग की है।
इनके कच्चे मकान लेकिन नहीं मिले आवास और शौचालय
गोवर्धनलाल, कन्हैयालाल, रूपसिंह, दिनेश नागूलाल, देवीलाल, बलराम दास बैरागी, शंकरलाल, भेरूलाल, विक्रम, रादेश्याम, रघुनाथ, गोपाल परमार। इसके अलावा दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर कच्चे हैं और वह 5 साल से चक्कर काट रहे हैं लेकिन किसी ने नहीं सुना।
बारिश में ढह गया स्टॉप डेम, 4 लाख भी खर्च नहीं किए
इसी ग्राम सामटिया खेड़ी में डेढ़ साल पहले नाले पर स्टॉपडेम बनाया गया था। यह स्टॉपडेम बारिश में ढह गया है। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि इसमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया और 12 लाख जो स्टॉपडेम के लिए शासन से आवंटित हुए उसमें से 4 लाख भी पूरे खर्च नहीं किए गए।
अधूरे स्कूल निर्माण, परिसर में पूरे गांव का गंदा पानी
ग्राम सामटिया खेड़ी में स्कूल भवन तीन साल से निर्माणाधीन है। यहां मिडिल स्कूल और आंगनवाड़ी भवन का निर्माण चल रहा था जो कोरोना के कारण बंद हुआ था। कोरोना लॉकडाऊन खत्म हुए सालभर बीत गया लेकिन स्कूल और आंगनवाड़ी भवन का निर्माण पुन: शुरू नहीं हुआ। स्कूल के परिसर में गांव की नालियों का गंदा पानी आकर एकत्रित होता है।
इनका कहना
2 यहां का चौकीदार झूठी शिकायते करवा रहा है। उसी ने स्टॉप डेम तोड़ा है। जिन्हे आवास नहीं मिला उनके नाम आ गए है। अब उन्हें भी आवास योजना का लाभ मिल जाएगा।
प्रेम नारायण, पूर्व सरपंच
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