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मॉर्निंग डाइट में शामिल करें ये चार दालें, बनाएं अपने स्वस्थ को मजबूत

नई दिल्ली। भारत (India) में कई प्रकार की दालें प्रयोग की जाती हैं। दालें हमारे भोजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होती हैं। दुर्भाग्यवश आज आधुनिकता की दौड़ में फास्ट फूड के प्रचलन से हमारे भोजन में दालों का प्रयोग कम होता जा रहा है, जिसका दुष्प्रभाव लोगों, विशेषकर बच्चों एवं युवा वर्ग के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। दालें मानव आहार में प्रोटीन की आवश्यकता पूर्ति का प्रमुख स्रोत है लगभग 3% प्रोटीन की पूर्ति दालों द्वारा की जाती है। प्रोटीन युक्त फूड्स मांसपेशियों के निर्माण करने में भी मदद कर सकते हैं। आइए जानें वो कौन सी दाल हैं जिनमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है।

आमतौर पर इस दाल का इस्तेमाल मां की दाल या दाल मखनी तैयार करने के लिए किया जाता है। उड़द की दाल में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। उड़द दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें प्रोटीन के अलावा फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, आयरन, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। लगभग आधा कप उड़द की दाल में 12 ग्राम प्रोटीन होता है। नियमित रूप से उड़द की दाल खाने से पाचन में सुधार, हृदय स्वास्थ्य की रक्षा, ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने, हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। महिलाओं के लिए उड़द दाल का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज के रोगी डाइट में उड़द दाल को शामिल कर सकते हैं। उड़द दाल के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।

चना दाल के ढेरों फायदे हैं। यह शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का बेहतर स्रोस है। इसमें बी-कॉम्पलेक्स विटामिन होता है जो ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो शरीर के अंगों को सूजन से बचाते हैं। चना दाल हृदय और डायबिटीज के अनुकूल दाल है। ये आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी फायदेमंद है और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करती है। रोजाना 30 ग्राम चना दाल का सेवन करने से 6 से 7 ग्राम प्रोटीन मिलता है। इसलिए इसे हेल्दी सुपरफूड माना जाता है।


मसूर दाल ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (सूक्ष्म पोषक तत्व) पाए जाते हैं और साथ में प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं। प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट वो होते हैं, जिन्हें पचाना आसान होता है। एक कप मसूर दाल में 230 कैलोरी होती है, लगभग 15 ग्राम डाइटरी फाइबर और लगभग 17 ग्राम प्रोटीन होता है। आयरन और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह दाल वेजेटेरियन लोगों के लिए एक आयडि‍यल च्वाइस है। मसूर दाल में फोलिक एसिड मौजूद रहता है। यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए काफी एक्टिव रूप से काम करता है। कुछ पुरुष स्पर्म मोटेलिटी के लिए इस दाल का पानी पीना भी पसंद करते हैं।

अरहर दाल को तुअर की दाल के रूप में भी जाना जाता है, अरहर की दाल को अक्सर चावल के साथ परोसा जाता है। शाकाहारियों के लिए यह स्पेशल दाल, प्रोटीन और हेल्दी कार्ब्स का एक बड़ा सोर्स है। प्रोटीन समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है क्योंकि हमारे शरीर को ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए इसकी आवश्यकता होती है। तूर दाल डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए अच्छी होती है। 100 ग्राम तूर दाल में 22 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन से भरपूर भोजन आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराने में मदद कर सकता है। इससे फिटनेस फ्रीक और वजन कम करने की कोशिश करने वालों को फायदा हो सकता है। अरहर की दाल पोटेशियम से भरपूर होती है। पोटेशियम, वैसोडिलेटर के रूप में कार्य करने के लिए जाना जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार होता है। यदि आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, तो आप हृदय रोगों की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में आपको अपनी डाइट में अरहर की दाल को शामिल करना काफी फायदेमंद हो सकता है। अरहर दाल आहार फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, जो पाचन तंत्र को बढ़ाने में योगदान देती है। फाइबर, मल को ऊपर उठाने में एक उठाने में एक अहम रोल निभाता है, साथ ही कब्ज और ब्लोटिंग को कम करने में मदद करता है।

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