उज्जैन। बीते एक साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो उज्जैन रेलवे स्टेशन पर 1 लाख 62 हजार टिकट बिके हैं। इससे रेलवे को 16 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई हुई हैं। उल्लेखनीय है महाकाल लोक बनने के बाद रतलाम मंडल के उज्जैन रेलवे स्टेशन पर अपने परिजनों को लेने अथवा छोडऩे आने वाले विजिटर की संख्या में एकाएक बढ़ोतरी हुई हैं। इससे न केवल रेलवे के राजस्व में वृद्धि हुई बल्कि सघन टिकट जाँच से रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाले अनाधिकृत लोगों का प्रवेश रोकने में भी रेलवे सफल रहा हैं। उज्जैन रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री के आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। अब उज्जैन रेलवे स्टेशन पर अमूमन सुबह व शाम की स्पेशल ट्रेनों पर लोगों की ज्यादा आवाजाही रहती है। इधर, रेलवे के नियम अनुसार रेलवे स्टेशन पर बिना प्लेटफॉर्म टिकट पाए जाने पर उपस्थित टिकट चैकिंग स्टाफ व्यक्ति को उस दौरान आई अंतिम ट्रेन से आया हुआ मानकर रेलवे नियमानुसार किराया व जुर्माना भी लगा सकता है।
प्रतिदिन 450 टिकिटों की हो रही बिक्री
इन दिनों उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रोजाना औसतन 450 टिकटों की बिक्री हो रही है। वर्ष 2022-23 में यह संख्या 250 थी लेकिन महाकाल लोक बनने के बाद इसमें दो गुना बढ़ोतरी हुई हैं। बता दें कि रिश्तेदारों अथवा मित्रों को रेलवे स्टेशन पर लेने अथवा छोडऩे के लिए प्लेटफॉर्म पर प्रवेश से पूर्व प्लेटफॉर्म टिकट खरीदने का रेलवे का नियम पूर्व निर्धारित है। उज्जैन में लोग मात्र दस रुपए का प्लेटफॉर्म टिकट खरीदकर ही प्लेटफॉर्म पर एंट्री कर सकते हैं। जिसकी वैद्यता दो घंटों तक रहती है। प्लेटफार्म पर जाने के लिए टिकट अनिवार्य होता है।
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