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चीन में बढ़ते निमोनिया के मामलों पर भारत भी सतर्क, जानिए इससे निपटने के लिए राज्यों की क्या तैयारी

नई दिल्ली (New Delhi) । चीन (China) में रहस्यमयी निमोनिया (pneumonia) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए भारत (India) के कई राज्य अपने मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर (medical infrastructure) में सुधार कर रहे हैं। खासतौर से चीनी बच्चों में सांस संबंधी इस बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। इसके चलते देश के उत्तरी हिस्से में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के प्रवक्ता एमआई फेंग ने कहा था कि तीव्र श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि कई प्रकार के रोगजनकों, मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा के प्रसार से जुड़ी हुई है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस प्रकोप के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए बीजिंग से अपील की है। इसके बाद से यह स्पाइक वैश्विक मुद्दा बन चुका है।

भारत सरकार ने पिछले हफ्ते सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अस्पताल की तैयारियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। केंद्र की ओर से कहा गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय चीनी बच्चों में सांस की बीमारी पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। इन्फ्लूएंजा के मामलों और सर्दियों के मौसम को देखते हुए मिनिस्ट्री ने अलर्ट रहने की बात कही है। मंत्रालय ने राज्यों से अपने अस्पताल की तैयारियों जैसे कि बेड, इन्फ्लूएंजा की दवाएं व टीके, मेडिकल ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स और पीपीई आदि की जांच करने के लिए कहा था। चलिए जानते हैं कि चीनी निमोनिया को लेकर राज्यों की किस तरह की तैयारी है…


तमिलनाडु में बच्चों में होने वाले बुखार की सावधानी से जांच
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने चीनी निमोनिया को लेकर राज्य की तैयारियों के बारे में बुधवार को बताया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग बच्चों में होने वाले बुखार की सावधानी से जांच कर रहा है। मिनिस्टर ने कहा, ‘चीन में फैले निमोनिया बुखार की जानकारी है। इसका असर बच्चों पर अधिक दिख रहा है। इसे लेकर जन स्वास्थ्य विभाग बच्चों में होने वाले बुखार की सतर्कता से जांच कर रहा है।’ उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि तमिलनाडु में कहीं भी नए प्रकार के बुखार का पता नहीं चला है। सुब्रमण्यम ने बताया कि बरसात के मौसम में होने वाले प्रकोप का पता लगाने के लिए हर हफ्ते शिविर लगाए जा रहे हैं। अगले 5 हफ्ते तक हर शनिवार को कैंप आयोजित किया जाएगा।

किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार गुजरात
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा कि राज्य सरकार चीन में सांस की बीमारी के मामलों में वृद्धि के चलते होने वाली किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राज्य में की गई ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता की फिर से जांच की है। ऐसे मामलों के लिए अलग वार्ड बनाने की भी व्यवस्था की गई है। पटेल ने बताया, ‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और आईसीएमआर इस पर नजर बनाए हुए हैं। इसे लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई है। चीन में इससे किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, फिर भी गुजरात और केंद्र सरकार ने अपनी तैयारी कर ली है।

उत्तराखंड में निमोनिया-इन्फ्लूएंजा पर विशेष निगरानी
केंद्र के दिशा निर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार भी सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इसको लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। गाइडलाइन में साफ निर्देश किया गया कि बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के लक्षणों पर विशेष निगरानी रखी जाए। स्वास्थ्य सचिव डॉ. कुमार ने बताया कि चीन में बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य में सर्विलांस बढ़ाने के आदेश दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जिलों को भी अस्पतालों में विशेष निगरानी रखने के लिए कहा गया है। इसको लेकर गाडलाइन जारी कर दी गई है। राज्य के सभी जिला अधिकारियों, मुख्य चिकत्सिाधिकारियों को कहा गया है कि अपने-अपने जनपद में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू रोगियों के उपचार के लिए आईसोलेशन बेड/वार्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर की प्रयाप्त मात्रा में व्यवस्था की करें।

राजस्थान में निगरानी और रोकथाम पर जोर
राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में संक्रामक रोगों की निगरानी और रोकथाम के लिए चिकित्सा प्रबंधन को पूरी सतर्कता से कार्य करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस बीमारी से बचाव और उपचार आदि व्यवस्थाओं के लिए तीन दिन में कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा गया है। विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने चीन में फैल रही श्वसन संबंधी बीमारी से बचाव के लिए तैयारियों की खातिर मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से जारी पत्र व उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन प्रदेशभर में संक्रामक रोगों की निगरानी व रोकथाम के लिए चिकित्सा प्रबंधन पूरी सतर्कता के साथ कार्य करे। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा, उपचार आदि के इंतजाम सुनिश्चित हों।

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