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भारत 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है: जेपी मॉर्गन

– 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा भारत

नई दिल्ली (New Delhi)। अमेरिकी मल्टीनेशनल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी (American multinational financial services company) जेपी मॉर्गन (JPMorgan) का मानना है कि 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) का आकार बढ़ कर 7 ट्रिलियन डॉलर (7 trillion dollars) हो सकता है। जेपी मॉर्गन के एशिया पेसिफिक इक्विटी रिसर्च डायरेक्टर जेम्स सुलिवान का मानना है कि 2027 तक भारत में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है।

एक निजी टीवी चैनल के साथ बातचीत में सुलिवान ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार तेजी आने की संभावना बनी हुई है। अगर सबकुछ ठीक रहा और कोई बड़ी आपदा नहीं आई तो भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 7 साल में 7 ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंच सकती है।


उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में ही अगले 5 वर्षों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार को पांच ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक ले जाने का लक्ष्य रखा था। हालांकि कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया की तरह भारतीय अर्थव्यवस्था भी डगमगा गई थी। लेकिन वैश्विक कमजोरी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने दोबारा मजबूती हासिल कर ली।

जेम्स सुलिवान के मुताबिक भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ की उम्मीद है। फिलहाल भारत की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी करीब 17 प्रतिशत है। लेकिन जल्दी ही इसके बढ़ कर 25 प्रतिशत जाने की उम्मीद की जा रही है। ऐसा होने पर भारत से होने वाला निर्यात एक लाख करोड़ डॉलर के स्तर को पार कर सकता है। फिलहाल भारत से होने वाला निर्यात 50 हजार करोड़ डॉलर से कुछ कम है। सुलिवान ने कहा कि भारत की जीडीपी को बढ़ाने में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी।

सुलिवान के मुताबिक लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था के ओवरऑल स्ट्रक्चर में काफी बदलाव होने की उम्मीद है, जिसमें कई सेक्टर के लिए विकास के बड़े अवसर आ सकते हैं। इसी आधार पर जेपी मॉर्गन ने भारत के एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जताई है।

इसके पहले बार्कलेज ने भी अपनी रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था में और बेहतरी की उम्मीद जताई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत का विकास वैश्विक स्तर पर दूसरे देशों के मुकाबले काफी अधिक है। इसके साथ ही मुद्रास्फीति की कम दर के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अर्थव्यवस्था में स्थिरता के साथ भारत लगभग 6 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ हासिल करता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में पिछले दो साल के दौरान जब दुनिया के ज्यादातर देश आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, तब भारत ने शानदार तरीके से इकोनामिक स्टेबिलिटी का प्रदर्शन किया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी का अनुमान लगाया जा सकता है।

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