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सेना ने शुरू की शोपियां एनकाउंटर की जांच

नई दिल्ली । दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपोरा में जुलाई महीने में हुई मुठभेड़ की जांच के लिये भारतीय सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की है। मुठभेड़ में मारे गये तीनों युवकों के दफनाये गये शवों और इनके परिवार वालों के डीएनए नमूने लिए गये हैं। सोशल मीडिया के जरिये जांच के घेरे में आये इस एनकाउंटर में सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराने का दावा किया था। जब इनके परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो सैन्य अधिकारियों ने स्वतः संज्ञान लेकर अलग से जांच शुरू की है।

सेना की राष्ट्रीय रायफल्स (आरआर) की ’62 यूनिट’ ने शोपियां जिले के अमशीपोरा में 18 जुलाई को एक मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकियों को ढेर किये जाने का दावा किया था। आरआर की स्थानीय यूनिट ने दावा किया था कि अमशीपोरा के एक घर में 4-5 आतंकी छिपे होने का इनपुट मिला था। इसी आधार पर आरआर यूनिट ने वहां सर्च ऑपरेशन किया तो इसी दौरान आतंकियों ने एके-47 से उन पर जबरदस्त फायरिंग की थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के टुकड़ियां भी एनकाउंटर-स्थल पर पहुंच गई थीं। घर में दाखिल होते वक्त भी उन पर पिस्टल से फायर हुआ था। सेना की जवाबी कार्रवाई में घर में मौजूद तीनों ‘आतंकी’ मारे गए थे। मारे गए आतंकियों के पास‌ से सुरक्षाबलों को दो पिस्टल भी बरामद हुए थे। एनकाउंटर के बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी भी की थी लेकिन सीआरपीएफ और पुलिस ने मिलकर भीड़ को तितर-बितर कर दिया था। इस एनकाउंटर में मारे गये तीनों लोगों की पहचान सेना ने नहीं बताई थी। मुठभेड़ के बाद सेना ने तीनों शवों को चुपचाप दफना भी दिया था।

इसी बीच पुंछ में राजौरी इलाके के कोटरांका में धार सकरी गांव के तीन युवकों इम्तियाज अहमद (26), इबरार अहमद (18) और इबरार अहमद (21) के परिजनों ने उनके लापता होने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इनके परिवारों ने पुलिस को बताया कि तीनों युवकों से आखिरी बार 16 जुलाई को बात हुई थी। ये तीनों युवक मुख्य रूप से सेब और अखरोट के कारोबार से जुड़े थे। अंतिम बातचीत में युवकों ने उन्हें बताया था कि शोपियां के अमशीपोरा में किराए का एक कमरा मिल गया है। अगले दिन उसी जगह पर मुठभेड़ हुई और उसके बाद से तीनों के बारे में कोई खबर नहीं है। पुलिस की जांच-पड़ताल के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हुईं शोपियां की इस मुठभेड़ से जुड़ी सूचनाओं पर सेना ने खुद संज्ञान लिया। इस पर सैन्य अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी तो यह एनकाउंटर संदिग्ध लगा। इसलिए सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित करके दफन किए गए शवों को निकालकर फिर से पोस्टमार्टम कराने और डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया।

सेना ने जांच को अंजाम तक पहुंचाने के लिये मुठभेड़ में मारे गये तीनों युवकों के परिवार वालों और दफनाये गये शवों के डीएनए नमूने लिए हैं। इसके‌ साथ ही कुछ अन्य गवाहों के बयान भी दर्ज कराए गए हैं। जांच के घेरे में आई इस मुठभेड़ के बारे में श्रीनगर के रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि सेना ने सोशल मीडिया पर 18 जुलाई को शोपियां में अभियान से जुड़ी सूचनाओं का संज्ञान लिया है। अभियान के दौरान मारे गए तीन आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई थी, इसलिए निर्धारित प्रावधानों के तहत शवों को दफना दिया गया था। सेना मामले की जांच कर रही है और डीएनए टेस्ट रिपोर्ट के आधार जांच आगे बढ़ेगी।

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