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भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बुनियादों के साथ पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है : पीयूष गोयल


नई दिल्ली । वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री (Commerce and Industry Minister) पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) मजबूत बुनियादों के साथ (With Strong Fundamentals) पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है (Has become the Fifth Largest Economy) । पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार और उद्योग के सामूहिक प्रयासों से भारत 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, ताकि पूर्ण रूप से विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सके।


पीयूष गोयल ने शुक्रवार को शीर्ष व्यापार संगठन फिक्की की 96वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश का 600 अरब डॉलर का मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार सबसे कठिन समय में भी स्थिर रहा है, चाहे वह भू-राजनीतिक उथल-पुथल हो जैसे कि यूक्रेन में युद्ध या महामारी। निवेशकों ने भारत में रहने और बाहर न जाने को प्राथमिकता दी है, जिससे पता चलता है कि उन्हें देश की अर्थव्यवस्था पर कितना भरोसा है। उन्होंने कहा कि विदेशी बैंकर भी भारतीय मुद्रा को दुनिया में सबसे सुरक्षित मानते हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था पहले ही मजबूत बुनियादों के साथ “फ्रेजाइल 5” से निकलकर दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।

गोयल ने कहा कि देश की विदेशी मुद्रा स्थिति इतनी मजबूत है कि अगले पांच से छह वर्षों तक मौजूदा चालू खाते के घाटे पर देश के आयात का ध्यान रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अन्य देशों में भारी मंदी और यहां तक कि संकट के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत विकास के साथ आगे बढ़ रही है। इससे दूसरे देशों के बीच देश का सम्मान बढ़ा है और इसके बाजार के बड़े आकार को देखते हुए अन्य देश भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए उत्सुक हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्हें इस बात की शिकायत है कि भारत व्यापार समझौतों के मामले में उन्हें पीछे छोड़ देगा।

मंत्री ने उद्योग जगत के दिग्गजों को आश्वासन दिया कि भारत व्यापार समझौतों में अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ भी सरकार व्यापार मुद्दों पर अपनी बात पर कायम है। गोयल ने बताया कि यह पहली बार है कि भारत ने डब्ल्यूटीओ में अमेरिका के साथ सात विवादों का निपटारा किया है, जिनमें से कुछ तो 10 साल से लंबित थे। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि भारत को दुनिया में नया सम्मान मिला है और उसकी मित्रता को अन्य देश महत्व देते हैं।

गोयल ने कहा कि भारत अब आत्मविश्वास के साथ दुनिया के साथ जुड़ रहा है और उद्योग को पैदा हुए नए अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश तीन स्तंभों के बल पर आगे बढ़ रहा है जिसमें एक मजबूत अर्थव्यवस्था शामिल है जिसे विवेकपूर्ण तरीके से प्रबंधित किया जा रहा है, लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश का कई गुना प्रभाव हो रहा है और बदले में सीमेंट और स्टील जैसी वस्तुओं की मांग पैदा हो रही है जो एक श्रृंखला प्रतिक्रिया के रूप में अधिक रोजगार पैदा कर रही है। उन्होंने भारतीय कंपनियों से एक ऐसे विकसित भारत के लिए काम करने का आह्वान किया जो आत्मनिर्भर हो और न केवल लोकल के लिए वोकल हो बल्कि अपने विनिर्माण के साथ वैश्विक हो और प्रौद्योगिकी और नवाचार के केंद्र के रूप में उभरे। उन्होंने कहा कि भविष्य का भारत न केवल अपने लोगों की देखभाल करेगा बल्कि दुनिया को शक्ति प्रदान करेगा।

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