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भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी स्थिर और सुदृढ़: शक्तिकांत दास

मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी स्थिर और सुदृढ़ बनी हुई है।

आरबीआई गवर्नर ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्रों और निजी क्षेत्रों के बैंकों के साथ आयोजित एक बेबीनार में अपने संबोधन में कहा कि पूरी दुनिया कोविड-19 की महामारी को नियंत्रित करने के लिए वैक्सीन विकसित करने के मुहाने पर खड़ी है। भारत में प्रसार जारी है, लेकिन यहां मृत्यु दर बहुत कम है। इसीलिए यह कहना गलत होगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जल्दी पटरी पर नहीं लौटेगी।

गवर्नर दास ने कहा कि कोविड-19 के बाद “बहुत ही कैलिब्रेटेड और सतर्क योजना (अर्थव्यवस्था के लिए) आवश्यक है”। उन्‍होंने कहा कि आरबीआई “तुरंत कोई उपाय नहीं करेगा”। “हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और हमारे पास एक बहुत सतर्क निकास योजना होगी। आरबीआई प्रस्तावों और उपायों पर दीर्घकालिक विचार कर रहा है।

उन्‍होंने कहा कि हाल के वर्षों में बैंकिंग परिदृश्य बहुत बदल गया है। लेकिन कुल मिलाकर भारत का बैंकिंग क्षेत्र अभी भी स्थिर बना हुआ है। बैंकों को उन क्षेत्रों का समर्थन करना चाहिए, जो हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। दास ने कहा कि जोखिम-प्रबंधन प्रणाली “अग्रिम में व्यवसायों में कमजोरियों को सूंघने” में सक्षम होनी चाहिए।

दास ने कहा कि “स्पष्ट रूप से बताने के लिए, महामारी बैंकों की बैलेंस शीट पर दबाव डालेगी और पूंजी का क्षरण करेगी। एक लड़ाई उन लोगों द्वारा जीती जाती है जो दृढ़ता से जीतने के लिए संकल्पित हैं। आरबीआई गवर्नर ने लॉकडाउन के दौरान “परिचालन निरंतरता बनाए रखने में मदद करने वाले” बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए “गहरी सराहना” व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद परिचालन निरंतरता बनाए रखने के लिए आप सभी प्रशंसा के पात्र हैं। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक में कभी कोई सुस्त पल नहीं होता है। समय वास्तव में अनिश्चित हैं और स्थिति तेजी से बदलती रहती है। दास ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि कोई भी वृद्धि अनुमान एक महीने में नहीं बदलेगा। आगे कुछ भी संभव हो सकता है भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए।

उल्लेखनीय है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी अगस्त की बैठक में रेपो दर को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो दर को 3.35 फीसदी पर अपरिवर्तित छोड़ दिया था। फरवरी 2019 से, जुलाई 2020 तक एमपीसी ने रेपो दर में 250 आधार अंकों की कटौती की है। ज्ञात हो कि एक बीपीएस एक फीसदी अंक का सौवां हिस्सा होता है। (एजेंसी, हि.स.)

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