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Russian नौसेना दिवस पर जहाजों की परेड का हिस्सा बना भारतीय जलपोत तबर

– राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने समीक्षा अधिकारी के रूप में देखी रूसी जहाजों की परेड
– परेड में 50 से अधिक जहाजों, मोटर नौकाओं, पनडुब्बियों, 48 विमानों ने हिस्सा लिया

नई दिल्ली। लम्बी यात्रा पर निकले भारतीय जलपोत आईएनएस तबर (Indian ship INS Tabar) ने रूसी नौसेना के 325वें नौसेना दिवस परेड (325th Navy Day Parade of the Russian Navy) में रूसी जहाजों के साथ शामिल हुआ। इस परेड की समीक्षा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने की। इस परेड में 50 से अधिक जहाजों, मोटर नौकाओं, पनडुब्बियों, 48 विमानों और नेवल एविएशन के हेलीकाप्टरों ने भाग लिया। आईएनएस तबर रूसी नौसेना के दो जहाजों के साथ बाल्टिक सागर में 28-29 जुलाई को होने वाले अभ्यास में भी भाग लेगा।


भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने आज यानी 26 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग में आईएनएस तबर का दौरा किया और जहाज की कंपनी के साथ बातचीत की। उन्होंने मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने और लंबी तैनाती के दौरान उच्च परिचालन गति बनाए रखने में जहाज के योगदान को नोट किया। भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस तबर रूस की पांच दिवसीय सद्भावना यात्रा और रूसी नौसेना के 325वें नौसेना दिवस समारोह में भाग लेने के लिए 22 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचा था।

रूस में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने 23 जुलाई को जहाज का दौरा किया और उनको वर्तमान तैनाती के बारे में कमांडिंग ऑफिसर ने जानकारी दी। राजदूत ने देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने और भारत-रूस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने में भारतीय नौसेना की भूमिका को सराहा। इसी दिन रूसी नौसेना के बाल्टिक फ्लीट के डिप्टी कमांडर वाइस एडमिरल सर्गेई येलिसयेव ने जहाज तबर का दौरा किया। जहाज पर उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया।

उन्होंने रूस की नौसेना (आरयूएफएन) के लिए इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में पोत की भागीदारी के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने बताया कि दोनों नौसेनाओं के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं और उन्होंने दोनों पक्षों के बीच सहयोग अधिक पारस्परिक होने की इच्छा जताई। इस यात्रा के समापन पर कमांडिंग ऑफिसर ने एडमिरल को जहाज का क्रेस्ट भेंट किया। जहाज के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन महेश मंगीपुडी ने 24 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग में ऐतिहासिक पिस्कारियोवस्कॉय मेमोरियल सीमेट्री में श्रद्धांजलि अर्पित की।भारत और रूस के बीच विशेष द्विपक्षीय संबंध पहले से चले आ रहे हैं। इनमें दोनों नौसेनाओं के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध और करीबी सहयोग शामिल हैं।

आईएनएस तबर ने 25 जुलाई को रूसी नौसेना के 325वें नौसेना दिवस पर निकाली गई जहाज़ों की परेड में हिस्सा लिया। इस परेड की समीक्षा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की। इस परेड में 50 से अधिक जहाजों, मोटर नौकाओं, पनडुब्बियों, 48 हवाई जहाजों और नेवल एविएशन के हेलीकाप्टरों ने भाग लिया। समारोह के दौरान तबर पर सवार भारतीय नौसेना बैंड ने सिटी परेड में भी भाग लिया। नौसेना दिवस समारोह के बाद दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्र में नौसैनिक अभ्यास होगा। आईएनएस तबर रूसी नौसेना के दो जहाजों के साथ बाल्टिक सागर में 28-29 जुलाई को होने वाले अभ्यास में भाग लेगा।

इसके बाद दक्षिणी रूस के वोल्गोग्राड क्षेत्र में प्रुडबोई अभ्यास रेंज में 1-15 अगस्त तक रूसी सेना के साथ सामरिक द्विपक्षीय ‘इंद्र-2021’ अभ्यास होगा। इस अभ्यास में भारत की तीनों सेनाओं के लगभग 250 सैन्यकर्मी हिस्सा लेंगे। भारत और रूस के बीच त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच बंधन को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। सामरिक द्विपक्षीय ‘इंद्र-2021’ अभ्यास की श्रृंखला 2003 में शुरू हुई थी और पहला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास 2017 में आयोजित किया गया था। भारत और रूस के बीच पिछला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास 10-19 दिसम्बर, 2019 को भारत में हुआ था। भारत-रूस की सेनाओं के बीच अभ्यासों का उद्देश्य आपसी विश्वास, अंतर-क्षमता को और मजबूत करना, दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाना है। (एजेंसी, हि.स.)

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