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दक्षिण चीन सागर में CHINA की घुसपैठ का भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

नई दिल्‍ली (New Delhi)। दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में चीन की चालबाजी को नाकाम करने के लिए भारत ने बड़ा कदम उठाया है। चीन के तेवर को देखते हुए भारत ने द्विपक्षीय रणनीतिक और रक्षा साझेदारी को दर्शाते हुए वियतनाम को अपना इन-सर्विस मिसाइल कार्वेट आईएनएस कृपाण (Service Missile Corvette INS Saber) गिफ्ट किया है। अधिकारियों की मानें तो यह पहली बार है जब भारत ने किसी मित्र विदेशी देश को पूरी तरह से ऑपरेशनल कार्वेट सौंपा है।

वियतनाम की आधिकारिक यात्रा पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने भारत के इस कदम का नेतृत्व किया. उनके ही नेतृत्व में फ्रंटलाइन युद्धपोत वियतनाम पीपुल्स नेवी को सौंपा गया। भारतीय नौसेना ने कहा कि जहाज को पूरे “हथियार पूरक” के साथ वियतनाम पीपुल्स नेवी (वीपीएन) को सौंप दिया गया है। एडमिरल कुमार ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि आज का हैंडओवर समारोह भारत और वियतनाम के बीच गहरी दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।



उन्होंने कहा, “जो बात इस अवसर को और भी महत्वपूर्ण बनाती है वह यह है कि यह पहला अवसर है जब भारत किसी मित्र विदेशी देश को पूरी तरह से परिचालन वाले कार्वेट की पेशकश कर रहा है.” नौसेना प्रमुख ने कहा कि वियतनाम पीपुल्स नेवी को आईएनएस कृपाण का हस्तांतरण भारत के जी20 दृष्टिकोण “वसुधैव कुटुंबकम — एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के अनुरूप है!

बता दें कि वियतनाम का दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है. भारत की दक्षिण चीन सागर में वियतनामी जलक्षेत्र में तेल खोज परियोजनाएं हैं। भारत और वियतनाम पिछले कुछ वर्षों में साझा हितों की रक्षा के लिए अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं. आर हरि कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल द्विपक्षीय रूप से बल्कि व्यापक बहुपक्षीय ढांचे में भी हमारी रक्षा साझेदारी को विस्तारित और गहरा करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

एडमिरल कुमार ने आशा व्यक्त की कि आईएनएस कृपाण विशाल समुद्रों में नेविगेट करना जारी रखेगा, “स्वतंत्रता, न्याय और अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था के सिद्धांतों को कायम रखते हुए वह स्तंभ बनेगा जिसके चारों ओर ‘अच्छे के लिए बल’ का निर्माण किया जाएगा”. उनकी टिप्पणियाँ दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत की पृष्ठभूमि में आई हैं. नौसेना प्रमुख ने कहा, “चूंकि हम आईएनएस कृपाण को वियतनाम नौसेना को सौंपते हैं, इसलिए हम इस शानदार जहाज को संचालित करने और बनाए रखने की उनकी क्षमता पर पूरा विश्वास रखते हैं।

उन्होंने कहा, “हमें यकीन है कि वे अपने राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा करने, क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान देने और शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए इसकी विशाल क्षमता का उपयोग करेंगे.” भारतीय नौसेना से सेवामुक्त होने के बाद आईएनएस कृपाण को वियतनाम को सौंप गया है. भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा, “राष्ट्र के लिए 32 साल की शानदार सेवा पूरी करने पर, भारतीय नौसैनिक जहाज कृपाण को भारतीय नौसेना से सेवामुक्त कर वीपीएन को सौंप दिया गया है.”
आईएनएस कृपाण 1991 में अपनी कमीशनिंग के बाद से भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक अभिन्न अंग रहा है और पिछले 32 वर्षों में कई ऑपरेशनों में भाग लिया है. लगभग 12 अधिकारियों और 100 नाविकों द्वारा संचालित जहाज 90 मीटर लंबा और 10.45 मीटर चौड़ा है और अधिकतम विस्थापन 1,450 टन है.

भारतीय नौसेना ने कहा, “भारतीय नौसेना से वियतनाम पीपुल्स नेवी को आईएनएस कृपाण का स्थानांतरण, भारतीय नौसेना की ‘हिंद महासागर क्षेत्र में पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ होने की स्थिति का प्रतीक है.

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