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दुश्मन के घर में गरजेंगे स्वदेशी LCH, रात में भी बोलेंगे हमला; जानिए क्यों खास है ये हेलिकॉप्टर?

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ताकत में और भी इजाफा हुआ है। आज देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर वायुसेना का हिस्सा बन गए। इन हेलिकॉप्टरों के बेड़े में शामिल होने के बाद ऊंचे और दुर्गम क्षेत्रों की जंग में वायु सेना की क्षमता और भी ज्यादा बढ़ गई।

जोधपुर स्थित वायुसेना स्टेशन में हुए एक कार्यक्रम में इन हेलिकॉप्टरों को औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया गया। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी मौजूद रहे। आइए जानते हैं इन हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर (Light Combat Helicopter) की खासियत और इनकी ताकत…

एलसीएच को सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है। इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए प्राथमिक रूप से डिजाइन किया गया है। अधिकारियों ने बताया 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलिकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है।

रडार से बच निकलने में सक्षम
देश में विकसित इन हल्के लड़ाके हेलिकॉप्टरों को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि ये दुश्मन के किसी भी रडार से बच निकलने में सक्षम हैं। इसके अलावा ये हेलिकॉप्टर रात के समय में किसी भी आपात स्थिति में हमला करने के लिए तैयार किए गए हैं।


ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हथियारों को कर सकते हैं ऑपरेट
ये विमान वजन में काफी हल्के हैं। इनकी यही विशेषता इसे खास बनाती है। इस कारण से हेलिकॉप्टर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी पूरी क्षमता से मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ आराम से ऑपरेट कर सकते हैं।

हर मौसम के हैं अनुकूल
अधिकारियों ने बताया, हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर हर मौसम में दुश्मन का मुकाबला करने में सक्षम हैं। ये हेलिकॉप्टर अधिक सक्रिय, गतिशील, एक्सटेंडेड रेंच, ऊंचाई के इलाकों, चौसीबों घंटे तैनाती, सर्च और रेस्क्यू, दुश्मन के एयर डिफेंस पर हमला और काउंटर इमर्जेंसी ऑपरेशनमें अहम भूमिका निभाने में सक्षम हैं।

ध्रुव से रखते हैं समानता
16400 फीट की ऊंचाई में उड़ने वाले इन हेलिकॉप्टरों में दो पायलट बैठ सकते हैं। ये हेलिकॉप्टर कुल 12 रॉकेट दाग सकते हैं, जो दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भी तबाह कर सकते हैं। रक्षा मंत्रालय ने बताया, ‘एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर’ ध्रुव से समानता रखता है। इन हेलिकॉप्टरों में 45% स्वदेशी उपकरण हैं, जिसे बाद के संस्करणों में बढ़ाकर 55% कर दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 10 हेलिकॉप्टर वायुसेना और पांच थलसेना के लिए होंगे।

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