इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर ने तो कचरा माफिया को भी कर डाला नेस्तनाबूद

टॉक ऑफ द टाउन… 30 लाख जनता के साथ सफाई मित्रों को भी एक बार फिर सलाम… शहर के हर ठीये, चौराहों और वाट्सएप ग्रुपों पर बज रहा है स्वच्छता में सफलता का डंका, कभी ना टूट सकने वाला रिकॉर्ड भी कायम
इंदौर, राजेश ज्वेल।  30 लाख शहर की जनता (public) और हजारों सफाई मित्रों (cleaning friends) ने मिलकर ऐसा कीर्तिमान (records) बना दिया है कि जो भविष्य में देश का कोई अन्य शहर तोड़ ही नहीं पाएगा। आज इंदौर (indore) स्वच्छता (cleanliness) का छक्का लगाने जा रहा है। हालांकि अधिकृत घोषणा 4 बजे से स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों के साथ की जाएगी। मगर इंदौरियों ने कल से ही जश्न मनाने की तैयारी कर ली है। आज रात गरबा पंडालों (garba pandals) में भी स्वच्छता का गान गूंजेगा। घर के हर चौराहा, ठीये और तमाम वाट्सएप ग्रुप (whatsapp group) पर स्वच्छता का ही डंका बज रहा है। यहां तक कि 4 दिन पूर्व मिले पर्यटन के पुरस्कार को भी वाट्सएप ग्रुपों पर स्वच्छता के रूप में जमकर प्रचारित कर दिया। भिया, अपने इंदौरियों ने कचरा माफिया को भी पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर डाला है। यानी अब ढूंढे से भी उसका कोई नामोंनिशान नहीं मिलता और जनता खुद चुन-चुनकर कचरा माफिया को ठिकाने लगाने में 365 दिन ही भिड़ी रहती है।


स्वच्छता अब इंदौर की यूएसपी बन गई है, जिसका परिणाम यह है कि देश-विदेश की जानी-मानी आईटी सहित अन्य कम्पनियां अब इंदौर का रुख कर रही हैं। शहर की जो तेजी से तरक्की हो रही है, उसमें स्वच्छता का भी बड़ा योगदान है और यही कारण है कि रियल इस्टेट के साथ-साथ अन्य कारोबार भी तेजी से फल-फूल रहे हैं और आने वाले 5 वर्षों में ही इंदौर देश के महानगरों को टक्कर देता हुआ उनसे आगे भी निकल जाएगा। लगातार 5 बार स्वच्छता में नम्बर वन आना देश के किसी भी अन्य शहर के लिए अब संभव ही नहीं है और इंदौर ने तो जोर-शोर से छक्का लगाने की भी तैयारी कर ली है। पिछले दो साल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर सभी तरह के माफियाओं को कुचलने का अभियान भी पुलिस, प्रशासन, निगम, सहकारिता सहित अन्य विभागों ने मिल-जुलकर चलाया है। भूमाफियाओं पर तो काफी हद तक कलेक्टर मनीष सिंह ने लगाम कस दी है, जिसका परिणाम यह है कि अब गृह निर्माण संस्थाओं में फर्जीवाड़े करने की हिम्मत कोई माफिया नहीं कर पाएगा, तो अधिकांश बिल्डर-कालोनाइजर भी सूत-सावल में नजर आने लगे हैं। स्थिति यह है कि भू-खंडों-फ्लैटों की बुलाकर रजिस्ट्रियां करवा रहे हैं, तो कब्जे भी दिए जा रहे हैं। दूसरी तरफ इंदौरियों ने जनप्रतिनिधियों, अफसरों और निगम के हजारों सफाई मित्रों की मदद से कचरा माफिया को भी नेस्तनाबूद कर दिया है। इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है, जहां आधा दर्जन से अधिक तरह का कचरा ना सिर्फ अलग-अलग एकत्रित किया जाता है, बल्कि उसका निपटान भी वैज्ञानिक और आधुनिक तरीकों से किया जाता है। कचरा चाहे प्लास्टिक का हो या मलबे का अथवा इलेक्ट्रॉनिक कचरा, हानिकारक हो या फिर घरों से निकलने वाला साग-भाजी का कचरा, उसका सौ फीसदी खात्मा किया जाता है। खाद, सीएनजी बनाने से लेकर ईंट, ब्लॉक और अन्य सामग्री तक बनाई जा रही है। यानी इंदौरियों ने एकजुट होकर कचरा माफिया को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया है और अब कहीं पर भी थोड़ा-बहुत कचरा नजर आता है तो तुरंत उसकी शिकायत कर दी जाती है। कल से ही इंदौर स्वच्छता सर्वेक्षण में छक्का लगाने के जश्न की तैयारी में डूब गया है। मंत्री, प्रमुख सचिव, सांसद, महापौर, संभागायुक्त, कलेक्टर, आयुक्त से लेकर सफाईकर्मियों की टीम भी दिल्ली पहुंच गई है। 4 बजे से स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम आना शुरू होंगे। हालांकि उसके पहले ही हर घर, दफ्तर, ठीये, चौराहों से लेकर सोशल मीडिया, खासकर वाट्सएप ग्रुपों पर छक्का लगाने का मैसेज जोर-शोर से चल रहा है। फिलहाल तो टॉक ऑफ द टाउन स्वच्छता में लगने वाला छक्का ही है और यह पहली बार होगा कि इसके साथ इंदौर को सेवन स्टार रेटिंग भी हासिल हो जाए।

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