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इंदौरः मेदांता अस्पताल के आईसीयू में लगी आग, कोई जनहानि नहीं

– धुआं उठने के बाद भी नहीं बजा फायर अलार्म, मरीजों को आनन-फानन में किया शिफ्ट, कलेक्टर ने दिये जांच के निर्देश

इंदौर। शहर के विजय नगर क्षेत्र में स्थित मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) की चौथी पर बने मेडिकल आईसीयू (Medical ICU built on the fourth) में रविवार शाम को अचानक आग (Fire breaks) लग गई। घटना के दौरान आईसीयू में 20 मरीज मरीज भर्ती थे। इनमें से चार-पांच वेंटिलेटर पर थे। आग लगते ही आईसीयू में धुआं भराने लगा और अफरा-तफरी मच गई। धुएं की वजह से मरीजों को घबराहट होने लगी और उनकी सांस फूलने लगी। मरीजों के स्वजन ने आग लगने की जानकारी तुरंत मौके पर मौजूद स्टाफ को दी, जिसके बाद आग काबू करने की कवायद शुरू हुई। तत्काल स्टाफ व सिक्योरिटी गार्डस ने वहां लगे फायर बुझाने वाले उपकरणों से करीब आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। इस बीच सभी मरीजों को दूसरे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन घटना ने अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोल दी है।


मेंदाता की गिनती शहर के बड़े और विश्वसनीय अस्पतालों में होती है। शाम करीब छह बजे इस अस्पताल के चौथी मंजिल स्थित आईसूयू यूनिट में से मेडिकल स्टाफ तेजी से बाहर आने लगा। इसे देख परिजन भी घबरा गए। देखा तो अंदर धुआं भर रहा था। उन्होंने शोर मचाना शुरू किया। कुछ परिजन अपने मरीज के पास अंदर जाने लगे। उधर, स्टाफ व सिक्योरिटी गार्ड्स में भी अफरा-तफरी मची। फिर फायर बुझाने के उपकरणों की ओर भागे। इस बीच आईसीयू में जाने को लेकर परिजन और स्टाफ के बीच बहस भी हुई। अस्पताल परिसर में फायर अलार्म भी लगा है। बताया जाता है कि धुआं उठने के बाद फायर अलार्म नहीं बजा, जिससे एक्शन लेने में भी देरी हुई। इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने एक-एक मरीज को ऑक्सीजन के साथ तीसरी मंजिल स्थित आईसीयू में शिफ्ट किया। हादसे ने अस्पताल की फायर सेफ्टी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में अलार्म बजा ही नहीं था, आग लगने की जानकारी उन्होंने खुद अस्पताल के कर्मचारियों को दी थी, जबकि प्रबंधन का दावा है कि तल मंजिल पर बने कंट्रोल रूम में फायर सेफ्टी अलार्म बजा था। कलेक्टर मनीष सिंह ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। जांच दल में एडीएम पवन जैन, सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या, अग्नि सुरक्षा अधिकारी और बिजली कंपनी के अधिकारियों को शामिल किया गया है। जांच दल जांच के बाद अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगा।

मरीजों को परिजनों का कहना है कि शाम छह बजे आईसीयू में आग लगी थी। उन्होंने आईसीयू में धुआं उठते देख शोर मचाना शुरू किया। वे दौड़कर अपने मरीज के पास गए। धुआं भराने से मरीज घबराने लगे थे। कुछ मरीजों की सांस अचानक फूलने लगी। आग की वजह से अस्पताल के कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने आग बुझाने के उपकरणों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।

मेडिकल अधीक्षक डॉ. संजीव गीद का कहना है कि इंदौर के मेदांता हॉस्पिटल के एक आईसीयू में रविवार को एक मामूली आगजनी की घटना हुई है। इसका कारण शॉर्ट-सर्किट बताया गया है। सभी मरीजों को तुरंत अन्य आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया और उनकी देखभाल निरंतर जारी रही। स्थिति को तुरंत नियंत्रण में किया गया और किसी भी मरीज, परिचारक या अस्पताल के कर्मचारियों को कोई चोट नहीं आई है। (एजेंसी, हि.स.)

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