इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : 8 एकड़ न्याय नगर की जमीन पर हाईकोर्ट ने दिया स्टे

 

सहकारिता विभाग ने निरस्त की थी दी गई अनुमति… प्राधिकरण से लेकर सुप्रीम कोर्ट से जीत चुका है श्री राम बिल्डर
इंदौर। प्रशासन (Administration) ने पिछले दिनों जहां भूमाफियाओं (land mafia) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई, वहीं गृह निर्माण संस्थाओं (house building institutions) की बिकी जमीनों को सरेंडर करवाने के साथ ही उनको दी गई अनुमतियां भी निरस्त करवाई। इसी कड़ी में न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण संस्था (department of justice employee house building institution) की ग्राम खजराना ( Khajrana) स्थित लगभग 8 एकड़ जमीन की अनुमति भी सहकारिता विभाग ने निरस्त कर दी थी, जिस पर कल हाईकोर्ट (High Court) ने स्टे दे दिया है। दरअसल श्री राम बिल्डर्स की इस जमीन को शासन से लेकर इंदौर विकास प्राधिकरण भी छोड़ चुका है और पूर्व में हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट के भी आदेश हुए हैं। वहीं नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास मंजूरी के अलावा कुछ समय पूर्व ही नगर निगम ने भवन निर्माण अनुमति भी जारी कर दी है। संस्था की जो जमीन श्रीराम बिल्डर को दी गई उस पर वर्तमान सदस्यों के भूखंड नहीं है, क्योंकि 124 भूखंडों का समर्पण सालों पहले ही हो चुका है।


अभी प्रशासन ने अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) , पुष्प विहार, श्री महालक्ष्मी नगर (Sri Mahalaxmi Nagar) में पीडि़तों को भूखंडों के कब्जे दिलवाने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें से अयोध्यापुरी और पुष्प विहार (Pushp Vihar) में तो 70 फीसदी से अधिक कब्जे दिए जा चुके हैं। वहीं श्री महालक्ष्मी नगर के सेक्टर ए व बी में भी यह प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके अलावा देवी अहिल्या, मजदूर पंचायत और श्रीराम गृह निर्माण सहित अन्य संस्थाओं की बिकी जमीनों को रसूखदारों से सरेंडर भी करवाया जा रहा है, ताकि पीडि़तों को भूखंड उपलब्ध हो सके, जिसके चलते पिछले दिनों संयुक्त आयुक्त सहकारिता इंदौर संभाग जगदीश कनौज ने न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण की खसरा नं. 86/1, रकबा 0.720 हैक्टेयर और खसरा नं. 73/4, पैकी-74 एवं पैकी-75, पैकी रकबा 1.237 हैक्टेयर तथा खसरा नं. 83 पैकी रकबा 1.23 हैक्टेयर इस तरह कुल 3.187 हैक्टेयर यानी 7.87 एकड़ जमीन की अनुमति निरस्त कर दी थी। हालांकि यह अनुमति सहकारिता विभाग के तत्कालीन उपायुक्त आरके शर्मा द्वारा 28 फरवरी 2003 को जारी की गई थी। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश शासन ने इंदौर विकास प्राधिकरण की पुरानी योजना 132 और वर्तमान में लागू योजना 171 से भी संस्था की इस जमीन को मुक्त करने के आदेश जारी किए। तत्पश्चात इंदौर विकास प्राधिकरण बोर्ड ने भी संकल्प पारित कर इस जमीन को योजना से मुक्त कर एनओसी भी जारी कर दी। श्रीराम बिल्डर्स (Shriram Builders) के नाम से जारी इस एनओसी के आधार पर नगर तथा ग्राम निवेश ने अभिन्यास और अभी पिछले दिनों ही नगर निगम ने भवन निर्माण अनुज्ञा भी जारी की है। 18.07.2017 को शासन ने प्राधिकरण को श्रीराम बिल्डर्स को निजी विकास की अनुमति के लिए एनओसी देने के निर्देश दिए और फिर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने भी इसके खिलाफ लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया और शासन आदेश पर श्रीराम बिल्डर्स के पक्ष में ही फैसला दिया, जिसके बाद प्राधिकरण ने 20.09.2019 को एनओसी जारी कर दी। इसके पूर्व सुप्रीम कोर्ट से भी श्रीराम बिल्डर्स को जीत हासिल हुई और अभी कल इंदौर हाईकोर्ट ने सहकारिता विभाग द्वारा अनुमति निरस्त करने के आदेश को भी स्टेकर दिया।


विकास अपार्टमेंट के पीडि़तों ने घेरा उपायुक्त को
चर्चित और दागी गृह निर्माण संस्थाओं में शामिल विकास अपार्टमेंट गृह निर्माण भी है, जिसकी जमीन भी भूमाफियाओं (Land mafia) ने बेच डाली। कनाडिय़ा रोड स्थित जमीन पर बहुमंजिला बिल्डिंग बन गई, तो निपानिया स्थित जमीन पर भवन स्कूल और अन्य निर्माण हो रहे हैं। कल विकास अपार्टमेंट की कालोनी श्रीनाथ पैलेस के भूखंड पीडि़तों ने सहकारिता विभाग जाकर पहले तो संस्था के प्रभारी अधिकारी संतोष जोशी और फिर उपायुक्त मदन गजभिये को घेरा और कहा कि सालों से वे चक्कर लगा रहे हैं, उन्हें कब न्याय मिलेगा..? पीडि़तों की ओर से लड़ाई लड़ रहे विकास शर्मा का कहना है कि सहकारिता विभाग (cooperative Department) की मिलीभगत से ही जमीनें बिकी और अभी भी धड़ल्ले से मौके पर निर्माण हो रहे हैं। हालांकि श्री गजभिये ने आश्वस्त किया कि यह संस्था भी जांच के दायरे में है और न्याय मिलेगा।

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