दिल्ली मेट्रो के दो विशेषज्ञ आए – मुख्यमंत्री की घोषणा को मूर्त रूप देने के लिए आज जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक
इंदौर। अभी लगभग 32 किलोमीटर का इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट (Indore Metro Project) अमल में लाया जा रहा है, जिसमें से साढ़े 17 किलोमीटर के पहले हिस्से का काम दो कम्पनियां कर रही है। वहीं रोबोट से पलासिया के एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए भी टेंडर बुलाए जा चुके हैं। अब इंदौर मेट्रो का विस्तार मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप पीथमपुर और उज्जैन (Pithampur and Ujjain) तक किया जाना है, जिसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) से सर्वे भी करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट आज होने वाली बैठक में चर्चा के लिए प्रस्तुत की जाएगी। दिल्ली मेट्रो के दो विशेषज्ञ भी इंदौर पहुंच गए हैं। वहीं आज 4 बजे खंडवा रोड स्थित आईटी पार्क अतुल्य भारत के सभागार में जनप्रतिनिधियों और अफसरों की बैठक होगी।
इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट में बीते कुछ महा में गति आई है और दोनों जगह प्रायोरिटी कॉरिडोर को अगस्त-सितम्बर तक पूरा कर मेट्रो का ट्रायल रन भी लेना है। आज इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की समीक्षा भी मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह कर रहे हैं। सुपर कॉरिडोर पर साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है, जिस पर ट्रायल रन लिया जाना है। श्री सिंह ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जी ने घोषणा की थी कि मेट्रो का विस्तार किया जाए और इसे औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के साथ-साथ धार्मिक नगरी उज्जैन से भी जोड़ा जाए, क्योंकि अभी महाकाल लोक बनने के बाद बड़ी संख्या में लोग उज्जैन यात्रा करते हैं और उसके बाद अभी होने वाले सिंहस्थ में भी भीड़ उमड़ेगी। नतीजतन दिल्ली मेट्रो से इसका सर्वे करवाया गया था और इसके दो विशेषज्ञ आज इंदौर पहुंचे हैं। आज 4 बजे होने वाली बैठक में मेट्रो कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला सहित अन्य विधायक और जनप्रतिनिधि इस महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद रहेंगे। पीथमपुर में अभी सेक्टर-7 के साथ-साथ इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट को भी अमल में लाया जा रहा है। मेट्रो प्रोजेक्ट आने से पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र में आना-जाना जहां इंदौर से आसान होगा, वहीं अन्य वाहनों भी भीड़ भी घटेगी।
सिंहस्थ-2028 से पहले प्रोजेक्ट अमल में लाने के प्रयास
सिंहस्थ-2028 से पहले मेट्रो प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य भी रखा गया है। उद्योग नगरी पीथमपुर और बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन को इंदौर मेट्रो से जोड़ा जा रहा है। रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की तर्ज पर लोक परिवहन के लिए मेट्रो रेल चलाने की योजना तैयार की गई है और दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को प्रारम्भिक सर्वे कर रुट का प्रारुप तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। मेट्रो के रिंग रुट को तैयार करने के पीछे मकसद यह है कि इंदौर चूंकि सेंटर है और यहीं से पीथमपुर के साथ-साथ उज्जैन लोग बड़ी संख्या में आवागमन करते हैं। मेट्रो से यह आवागमन सुविधाजनक और समय बचाने वाला रहेगा।
निगमायुक्त ने भी समझा और देखा इंदौर का चल रहा मेट्रो प्रोजेक्ट
निगमायुक्त चूंकि पिछले दिनों ही ट्रांसफर होकर आई हैं और वे अतिरिक्त प्रबंध संचालक मेट्रो भी हैं। लिहाजा कल उन्होंने पहली बार मेट्रो दफ्तर के साथ साइड का भी अवलोकन किया। मेट्रो के चल रहे निर्माण कार्य का प्रजेंटेशन उन्हें दिया गया। वहीं एमआर-10 स्थित आईएसबीटी और मेट्रो स्टेशन के इंटीग्रेशन के पश्चात सुपर कॉरिडोर पर बन रहे डिपो के कार्य को भी देखा। ट्री ट्रांसप्लांट और इलेक्ट्रीक सबस्टेशन में आने वाली बाधाओं के संबंध में भी निगमायुक्त हर्षिका सिंह को जानकारी दी गई। अब वे जल्द ही मेट्रो से संबंधित अधिकारियों और संबंधित विबागों की संयुक्त बैठक आयोजित कर इन बाधाओं को दूर करवाएंगी।
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